बालिका वधु बनने से बचाया किशोरी को

कोरबा, । बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्यरत संस्था के द्वारा एक किशोरी को बालिका वधु बनने से बचा लिया गया। इस संबंध में बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्यों द्वारा वनांचल ग्राम भुलसीडीह में होने जा रहे बाल विवाह की सूचना दी गई थी। 4 अप्रैल को यह विवाह होना था जिसके संबंध में सूचना मिलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद प्रसाद किसपोट्टा के मार्गदर्शन में टीम ग्राम भुलसीडीह पहुंची। जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन, रजगामार पुलिस एवं ग्राम पंचायत भुलसीडीह के बाल संरक्षण समिति के सदस्यों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम पाई गई। टीम के द्वारा बाल विवाह की रोकथाम हेतु बनाए गए कानून की जानकारी लेते हुए बताया गया कि लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व लड़के की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित है। इसके विपरित विवाह पर कठोर दंड का प्रावधान है। इसमें घराती, बराती और विवाह में शामिल सभी लोग दंडित होंगे। किशोरी के परिजनों द्वारा बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पर विवाह करने की बात कही गई।

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