पाकिस्तान को हराया लेकिन कोरोना से खुद हार गए जिंदगी की जंग

1971 की जंग में पाकिस्तान को हराने वाले रिटायर विंग कमांडर की मौत, समय पर नहीं मिला इलाज

कानपुर 27 अप्रैल: पाकिस्तान से 1971 की लड़ाई में जंग जीतने वाले हीरो रिटायर विंग कमांडर आर एस बाजपेई ने कोरोना से जंग हार कर अपनी जान गंवा दी. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सही वक्त पर इलाज एवं अस्पताल न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई. विंग कमांडर को एयरफोर्स के उस अस्पताल में भी भर्ती नहीं किया गया, जहां के वे अधिकारी रहे. इस कारण उन्हें मजबूरन चार से पांच अन्य अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ा. लेकिन उन्हें कहीं भी एडमिट नहीं किया गया और ऑक्सीजन लेवल के गिरने से उनकी सांसे थम गई.

विंग कमांडर की मौत की अहम वजह सिस्टम की नाकामी है. उन्होंने मरने से पहले अपने फेसबुक वॉल पर मिलिट्री अस्पताल की कहानी एवं अपने दर्द को बयां किया था. उन्होंने अपने फेसबुक वॉल से कर्नल के लिए लिखा कि पूरी स्थिति बताने और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद उन्हें ड्यूटी पर तैनात मेडिकल ऑफिसर ने भर्ती नहीं किया. जिसके बाद अन्य चार-पांच अस्पतालों में भी उन्हें बेड नहीं मिल सका.
विंग कमांडर आरएस बाजपेई ने 30 साल तक देश के लिए एयरफोर्स में अपनी सेवा दी है. उन्होंने साल 1972 में बांग्लादेश को अलग करने के लिए भारत-पाक की जंग में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर पाकिस्तान में एयरफोर्स का नेतृत्व किया था.

पीएसी मोड़, श्याम नगर के रहने वाले रिटायर विंग कमांडर कोरोना के मरीज थे. दो दिन पहले उनका ऑक्सीजन लेवल 79 के नीचे आ गया था. जिस कारण वे इलाज के लिए सेवन एयरफोर्स हॉस्पिटल गए. लेकिन वहाँ उन्हें इलाज मिल नहीं सका. उनके अलावा पत्नी एवं बेटी भी कोरोना पॉजिटिव है.

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