मुनगाडीह पुल से नो एंट्री हटवाने ट्रांसपोर्टर हो रहे लामबंद

कोरबा। पाली-बिलासपुर रूट के ट्रांसपोर्टरों की परेशानी बरसात लगने के साथ शुरू हुई थी जो अब तक खत्म नहीं हो पाई है। मुनगाडीह के कमजोर पुल पर भारी मालवाहक वाहनों के लिए नो एंट्री लगाने के बाद बैरियर पर तैनात कर्मियों के कमाई के चक्कर में मालवाहक वाहनों के चालक-परिचालक, मालिक आर्थिक शोषण का शिकार भी हो रहे हैं। पुल से नो एंट्री हटवाने ट्रांसपोर्टर लामबंद होने लगेे हैं।
कोरबा, पाली, चैतमा, दीपका, कटघोरा बिलासपुर रतनपुर, कोटा, अंबिकापुर एवं क्षेत्र के सभी ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लामबंदी की जा रही है। इनका कहना है कि उक्त मार्ग पर पुल के निर्माण में तत्परता नहीं दिखाई जा रही है और सड़क भारी वाहनों के लिए चालू नहीं होने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंदी के दौर में यह दिक्कत और भी ज्यादा बढ़ गई है। मुनगाडीह पुल के निर्माण में अपेक्षित गति नहीं होने और प्रशासन के द्वारा ढीला-ढाला रवैय्या और सिफ मौखिक निर्देश को इसके लिए ट्रांसपोर्टरों ने जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि जिले भर में ट्रांसपोर्टर सड़क की दुर्दशा की मार लंबे समय से झेलते आ रहे हैं परंतु समाधान नहीं हो पा रहा है। ट्रांसपोर्टरों का आक्रोश कभी भी फू ट सकता है, इसके संकेत भी दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक 6 जनवरी को पाली में नगर पंचायत के पाषदों का शपथ एवं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव कराने पहुंच रहे डिप्टी कलेक्टर एवं कटघोरा एसडीएम के समक्ष इस मुद्दे को लेकर ट्रांसपोर्टर अपनी बात व आक्रोश व्यक्त कर सकते हैं।
ज्ञात हो कि पाली-बिलासपुर मुख्य सड़क मार्ग में ग्राम मुनगाडीह पर बना अंग्रेजों के जमाने का पुल इस बारिश में बह गया था। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और उच्च अधिकारियों की तत्परता से एनएच की टीम ने पुल को सुधार और मरम्मत कर चलने लायक बना दिया है लेकिन पुल को भारी मालवाहक वाहनों के लिए शासन ने कमजोर पुल घोषित करते हुए नो एंट्री लगाया है। भारी वाहनों के लिए जिला प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग हरदी बाजार, बलौदा, सीपत रूट तय किया है। भारी वाहनों की आवाजाही रोकने मुनगाडीह पुल के पहले और डूमरकछार चौक पर बेरियर लगाया गया है। ऐसे में भारी वाहनों खासकर कोयला परिवहन में लगे वाहनों को अपेक्षाकृत अधिक लंबी दूरी तय कर गंतव्य तक पहुंचना होता है। डीजल के साथ-साथ समय भी ज्यादा लगता है और वैकल्पिक मार्ग में वाहनों की भीड़ भी ज्यादा रहती है। इन सबसे बचने के लिए मुनगाडीह के कमजोर पुल से गुजरने का रास्ता कुछ वाहन चालकों ने तलाशा जरूर लेकिन उन्हें हतोत्साहित करने की बजाय बेरियर पर तैनात कर्मियों के द्वारा रात से लेकर तड़के के मध्य 500 से 1000 रुपए तक वसूलकर मालवाहनों को आसानी से पार करा दिया जाता है। इसके लिए शाम होते ही बगदेवा और डूमरकछार दोनों ओर 150 से 200 की संख्या में वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं जो कि नो एंट्री वाले पुल को पार करने के लिए रात का इंतजार करते हैं।
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