नहीं मिल रहा पेंशन और खाद्यान्न, ग्रामीणों के सामने भूखों मरने की नौबत, कलेक्टर को सुनाई फरियाद

न्यूज एक्शन। ग्राम पंचायत छिंदिया के ग्रामीणों को पिछले तीन साल से पेंशन नहीं मिल रहा है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है। स्थानीय अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन उनके बैंक खातों में पेंशन की राशि नहीं पहुंची। एक ओर समाज कल्याण विभाग पेंशन जारी करने का दावा कर रहा है। वहीं ग्रामीणों को पेंशन नहीं मिल रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर गरीब ग्रामीणों का पेंशन डकारने वाला बिचौलिया कौन है? परेशान ग्रामीण 100 किलोमीटर का सफर तय कर सोमवार को समाज कल्याण विभाग पहुंचे थे। जहां उन्होंने अपनी परेशानी से अधिकारी को अवगत कराया। शिकायत लेकर पहुंचे लगभग सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टर किरण कौशल से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। कलेक्टर ने उनकी शिकायत सुनते हुए त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें जहां पेंशन नहीं मिल रहा है वहीं गांव के सोसायटी से खाद्यान्न का वितरण भी नहीं होने से उनके सामने भूखे मरने की नौबात आ गई है। ग्रामीण काफी परेशान थे। लिहाजा कलेक्टर ने भी संदेनशीलता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।
पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम छिंदिया के दर्जनों ग्रामीणों को वृद्धावस्था, निराश्रित पेंशन, विधवा पेंशन सहित अन्य पेंशन पिछले तीन सालों से नहीं मिल पा रहा है। हितग्राहियों में महिला एवं पुरूष दोनों शामिल हैं। कई बार ग्रामीण स्थानीय स्तर पर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी एक दूसरे पर टाल मटोल कर उन्हें कार्यालय से मायुस लौटा देते हैं। कभी कियोस बैंक पर दायित्व बताया जाता है तो कियोस बैंक के द्वारा पंचायत के कर्मचारियों की जवाबदेही बताई जाती है।
इस तरह से पीडि़त ग्रामीण पिछले तीन सालों से पेंशन पाने इस कार्यालय से उस कार्यालय चक्कर काट रहे हैं। खास बात यह है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जिले के सभी जनपद पंचायतों में पेंशन राशि वितरित की जा रही है। इसके बाद भी ग्रामीणों को पेंशन नहीं मिल पा रहा है। आखिर ग्रामीणों की पेंशन राशि कौन डकार रहा है? यह बड़ा सवाल है। अब ग्रामीणों ने अधिकारी से गुहार लगाते हुए पेंशन की राशि दिलाए जाने की मांग की है। 100 किलोमीटर सफर तय कर समाज कल्याण विभाग पहुंचे ग्रामीणों में मुख्य रूप से सुधार सिंह, बाबू लाल, कवल सिंह, दल सिंह, जयचरण सिंह, सुखमनिया, सुनारो बाई, फूल कुंवर सहित दर्जनों ग्रामीण पहुंचे थे।

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