हाइकोर्ट के हस्तक्षेप पश्चात याचिकाकर्ता को मिला न्याय, अंकसूची में हुई त्रुटि में हुआ सुधार
बिलासपुर 13 फरवरी । छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल के द्वारा विद्यार्थी के अंकसूची में गलत जन्मतिथि दर्ज होने के मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा अंकसूची में हुई त्रुटि का सुधार किया गया है। विद्यार्थी के आवेदन देने पर ओपन स्कूल द्वारा इस मामले पर कार्यवाही नहीं की गई थी, परंतु उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के हस्तक्षेप के बाद छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल रायपुर ने अपनी गलती मानते हुए अंकसूची में हुई त्रुटि को सुधार दिया है।
बता दें की याचिकाकर्ता राहुल थवाईत ने छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल रायपुर से वर्ष 2011-12 में दसवीं कक्षा की परीक्षा में भाग लिया था, जिसकी अंकसूची में याचिकाकर्ता की जन्मतिथि 31 जनवरी 1997 के स्थान पर 31 जुलाई 1997 दर्ज कर दी गई थी। इस पर याचिकाकर्ता द्वारा वर्ष 2016 में अभ्यावेदन दिया गया था परंतु इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। तत्पश्चात याचिकाकर्ता ने वर्ष 2019 में अपने पूर्व में दिए गए अभ्यावेदन का हवाला देते हुए पुनः अभ्यावेदन दिया, जिसके जवाब में छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल रायपुर ने यह कहकर अभ्यावेदन निरस्त कर दिया 3 वर्ष की अवधि के पश्चात अंक सूची में सुधार नहीं किया जा सकता।
याचिकाकर्ता ने उक्त आदेश को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच के समक्ष रिट के माध्यम से अधिवक्ता सुनील सोनी के जरिए चुनौती दी थी परंतु सिंगल बेंच ने फैसला ओपन स्कूल के पक्ष में दे दिया था।
सिंगल बेंच के आदेश को याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के समक्ष रिट अपील प्रस्तुत कर चुनौती दी जिसमें अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता सुनील सोनी ने डिविजन बेंच के समक्ष अपनी दलील दी कि वर्ष 2011-12 में जब अपिलार्थी ने दसवीं कक्षा की परीक्षा दी थी तब अपिलार्थी की आयु केवल 15 वर्ष की थी, तथा वह वर्ष 2015 में 18 वर्ष की आयु का हुआ है। लिमिटेशन एक्ट की धारा 6 के अनुसार विधिक निर्योग्यता की समाप्ति/ अवसान के पश्चात 3 वर्ष की गणना किया जाना उचित होगा। इस प्रकार वर्ष 2018 तक की म्याद की अवधि अपीलार्थी को मिलनी चाहिए थी। अधिवक्ता सोनी ने यह भी बताया की अपिलार्थी ने विधिवत वर्ष 2016 में ही अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत कर दिया था, जिसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि जन्मतिथि में त्रुटि अपीलार्थी द्वारा ना कि जाकर ओपन बोर्ड द्वारा की गई है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के हस्तक्षेप पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा अपीलार्थी की 10वीं की अंकसूची में हुई त्रुटि का सुधार कर दिया गया है। न्यायालय की डिवीजन बेंच द्वारा विधिक निर्योग्य व्यक्ति से 3 वर्ष की समय अवधि में संशोधन की अपेक्षा वाले बिंदु को खुला रखते हुए अपील का निराकरण किया गया है।