तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार, जांच प्रतिवेदन पर नहीं हुई कार्रवाई

कोरबा 8 फरवरी। वनमंडल कटघोरा के पाली रेंज में चेकडेम, स्टापडेम, पुल-पुलिया, पहुँचमार्ग, तालाब निर्माण, पौधारोपण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की जांच प्रतिवेदन सीसीएफ व पी सी सी एफ को भेजे एक माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन इस मामले में दोषी पाये गये लोगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है जो अनेक संदेहों को जन्म दे रहा है।
ज्ञात हो कि पाली वनपरिक्षेत्र के बतरा सर्किल अंतर्गत वनांचल ग्राम कोडार के आश्रित दुमदुमी गांव से कुछ दूरी पर कक्ष क्रमांक- 109, बेसराबहार नाला में जंगली जानवरों के पानी पीने, उनके संवर्धन के लिए वन्य जीवों के संरक्षण और विकास योजना के तहत वर्ष 2019 में पाली के तत्कालीन रेंजर यादव को तालाब निर्माण की मंजूरी कटघोरा वनमंडल से मिली थी जिसके निर्माण में उक्त अधिकारी ने व्यापक तौर पर भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया फ लस्वरूप लाखों की लागत से निर्मित तालाब 3 माह भी नही टिक पाया और पहली ही बारिश में पानी के बहाव से तालाब का मेढ़ फूटकर बह जाने से उसमें बाल्टी भर पानी भी नही रुक पाया। मामला सुर्खियों में आने पर जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव सुमित दुहलानी द्वारा कटघोरा वनमंडलाधिकारी श्रीमती शमा फ़ारुखी से लिखित शिकायत कर जांच एवं उचित कार्यवाही किये जाने मांग की गई थी। नेता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएफ ओ श्रीमती शमा फ़ारुखी ने जांच का जिम्मा पाली उप वन मंडलाधिकारी यदुनाथ डड़सेना एवं रेंजर केदारनाथ जोगी को सौपा जिन्होंने मौके पर जाकर इस तालाब की जांच की तब उन्हें ना तो पूरा तालाब मिला और ना ही तालाब में पानी। तालाब का पानी उसे बनवाने वाले अधिकारी- कर्मचारी ही पी गए थे। जांच टीम ने निर्माण स्थल का मुआयना, माप पुस्तिका और परियोजना प्रतिवेदन का अध्ययन करके 09 बिंदुओं में अपनी जांच रिपोर्ट वनमंडलाधिकारी को सौंपी जिसमें उल्लेख किया गया था कि तालाब का निर्माण आधा-अधूरा किया गया है जिसमे बोल्डर पिचिंग के साथ निकासी नाली में कांक्रीट का काम ही नही किया गया इसके अलावा मिट्टी का काम भी नही हुआ है। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि इसे निर्माण करवाने वाले तत्कालीन रेंजर ने फर्जी प्रमाणक पेश कर धनादेश भी प्राप्त कर लिया है। जांच अधिकारियों द्वारा रेंजर वनक्षेत्रपाल मिश्रा, वनपाल परिक्षेत्र सहायक बतरा एवं वनरक्षक दुबे को जिम्मेदार मानते हुए जांच रिपोर्ट वन मंडलाधिकारी श्रीमती शमा फ़ारुखी को सौंप दी थी जिसके आधार पर डी एफ ओ द्वारा कार्यवाही किये जाने की सिफरिश के साथ जांच रिपोर्ट सी सी एफ व पी सी सी एफ को माह भर पहले भेज दी गई है। लेकिन आज पर्यन्त तक इस भ्रष्टाचार के मामले में कोई भी कार्यवाही देखने को नही मिली जिससे कई तरह की शंका पैदा हो रही है।

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