फर्जी नौकरी, पुलिस ने एसईसीएल प्रबंधन से मांगे दस्तावेज
कोरबा। लगभग तीन दशक पूर्व एसईसीएल में बोगस तरीके से विस्थापित बनकर नौकरी प्राप्त करने वाले 8 लोगों पर मामला दर्ज करने के साथ बांकीमोंगरा पुलिस जांच में जुट गई है। इस संबंध में एसईसीएल प्रबंधन को दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा गया है। हाल में ही बांकीमोंगरा पुलिस ने कूट रचना से संबंधित प्रकरण कायम किया है। कोर्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। मामले में ओवरमैन बगदेवा खदान अशोक सिंह पिता सीताराम 49 जुबेर अंसारी पिता मुस्लिम 46 माइनिंग सरदार बगदेवा खदान महेंद्र सिंह पिता धरम सिंह 45, अवधेश सिंह पिता सिद्धश्वर सिंह 52, श्याम बिहारी सिंह पिता त्रिवेदी 49, उपेंद्र कुमार पिता जीतराम 45, विपिन मिश्रा पिता नित्यानंद मिश्रा 51 व जितेंद्र कुमार पिता राम परवेश 47। के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ जांच तेज कर दी गई है।
बांकीमोंगरा पुलिस के अनुसार इस प्रकरण में संबंधित कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित सभी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए एसईसीएल सुराकछार के सबएरिया मैनेजर को पत्र लिखा गया है। सब इंस्पेक्टर जांच में लगाया गया है। एसईसीएल से दस्तावेज आने के बाद प्रकरण की जांच आगे बढ़ाई जाएगी। एसईसीएल के कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा और दीपका विस्तार में फर्जी तरीके से नौकरी हथियाने वालों की संख्या सैकड़ों में है। खदान खुलने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन अधिग्रहण प्रबंधन ने प्रशासन के माध्यम से की थी। इस प्रक्रिया में अन्य लोगों ने सरकारी तंत्र से सांठगांठ कर खुद को विस्थापित बना लिया और नामांकन से लेकर अन्य कार्यवाही में खुद ही हिस्सेदार बन गए। यहां तक की अनुविभागीय कार्यालय स्तर पर हुई सत्यापन प्रक्रिया में उन्होंने स्वयं को प्रभावित होना प्रमाणित किया। इसके जरिए उन्हें कंपनी ने नौकरी दे दी। तब से ऐसे लोग विभिन्न परियोजनाओं में काम करते हुए हर महीने अच्छा खासा वेतन आवास और अन्य सुविधाएं प्राप्त करते आ रहे हैं। याद रहे बीते वर्षों में कुसमुंडा पुलिस ने फर्जी पट्टा पर नौकरी हासिल करने संबंधी कई मामलों में शिकायत पर लिखा पढ़ी की थी लेकिन आगे हुआ कुछ नहीं। अरसे बाद बांकीमोंगरा थाना में इसी तरह का प्रकरण दर्ज हुआ है। अपात्र कर्मियों पर आगे होने वाली कार्यवाही का इंतजार बना हुआ है।