राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल एक्शन मोड में, पूर्व कलेक्टर पी. दयानंद के लिए कही ये बात…
न्यूज एक्शन। जिले में खनिज न्यास मद (डीएमएफ) में आर्थिक अनिमितता के आरोप शहर विधायक एवं वर्तमान राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने लगाए थे। तात्कालीन कलेक्टर पी.दयानंद की भूमिका पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए थे। मंत्री बनने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब होते हुए मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने इस आरोपों पर अडिग रहते हुए तात्कालीन कलेक्टर पी.दयानंद के खिलाफ जांच कराने की बात कहीं है। मंत्री जयसिंह अग्रवाल दबंग नेता के रूप में पहचान रखते है। उनकी दमदारी एक बार फिर खनिज न्यास अनिमितता के मामले में सामने आई है। मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि डीएमएफ में आर्थिक अनियमितता का आरोप उनके द्वारा लगाया गया था। यह आरोप आज भी है। इसके लिए नोटशीट भी लिखा जाएगा। इस मामले में न्यायिक जांच के लिए पूरी मेहनत करूंगा। पूर्व कलेक्टर पी दयानंद के खिलाफ जांच कराई जाएगी।
जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अंत तक संघर्ष किया जाएगा। खनिज न्यास मद के दुरूपयोग के मामले में मंत्री जयसिंह अग्रवाल प्रारंभ से ही मुखर रहे है। प्रशासन के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने मौजूदा कलेक्टर पी.दयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे। डीएमएफ मामले में कलेक्टर बनाम विधायक की जंग छिड़ी हुई थी। उस दौरान प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और जयसिंह अग्रवाल विपक्ष के विधायक थे। अब स्थिति विपरित है। सत्ता भी कांग्रेस के पास है और इस सत्ता के मंत्री पद पर जयसिंह अग्रवाल आसीन है। ऐसे में डीएमएफ फंड अनिमितता की जांच में तेजी आने की संभावना है। जयसिंह अग्रवाल ने साफ कर दिया है कि वे इस मामले में नोटसीट तक लिखेगें। अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में जांच उपरांत क्या कलेक्टर , या ठेकेदार या फिर जांच करने वालों पर दोष आरोपित होता है या नहीं। दोषी पाए जाने वालों पर क्या कार्रवाई होती है इसकी चर्चा शहर में बनी हुई है। अब देखने वाली बात होगी कि मंत्री जयसिंह अग्रवाल आखिर डीएमएफ फंड की अनियमितता की तह तक जाकर दोषियों पर कार्रवाई करा पाते है या नहीं?
कोरबा का होगा सर्वांगीण विकास
मंत्री जयसिंह अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों की तरह ही कोरबा में भी समस्याएं है। कोरबा की समस्याओं को दूर करने आम जनता की सलाह एवं जानकारों से मार्गदर्शन लिया जाएगा। कोरबा के हित में जनता से सुझाव लेकर कोरबा के सर्वांगीण विकास का प्रयास किया जाएगा। जिले में बहुत से निर्माण कार्य अधूरे है। बिना टेंडर के ही कुछ विकास कार्यों के भूमिपूजन कर दिए गए हैं। इन कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराने का प्रयास रहेगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा मास्टर प्लान के लिए 6 से 7 साल से लगातार प्रयास किया जा रहा है। मास्टर प्लान में कुछ खामियां थी तो कुछ मनमानी भी हुई है। खामियां दूर कर मास्टर प्लान को लागू करने का प्रयास किया जाएगा। कोरबा में सड़क, प्रदूषण एवं दुर्घटनाओं की भारी समस्या है। प्रदूषण एवं दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास रहेगा। इसके अलावा सड़कों की हालत भी सुधारी जाएगी। सर्वप्रथम कोरबा-चांपा, कटघोरा, बिलासपुर फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराना है। साथ ही अधूरे बाइपास मार्गों को जल्द से जल्द पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा ताकि भारी वाहनों का शहर प्रवेश न हो और दुर्घटना व प्रदूषण से जनता को निजात मिल सकें। उन्होंने कहा कि बढ़े हुए संपत्तिकर को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट का सहारा लिया। इस आदेश को चुनाव तक रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन अंतत: संपत्तिकर के मामले में जनता की जीत हुई है। श्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 50 फीसदी संपत्तिकर माफ का वादा किया है। निगम क्षेत्र का संपत्तिकर अगर इस दायरे में आता है तो फिर आम जनता को और भी राहत मिलेगी।