परिणाम से पहले सता रहा हार का डर
न्यूज एक्शन। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार भी कई विधायकों और मंत्रियों ने अपनी किस्मत आजमाई है। वहीं मजबूत जनाधार का दंभ भरने वाले नेताओं ने भी पुख्ता दावेदारी कर अपनी जीत का दावा किया है। किसके दावों में कितना दम था यह तो 11 दिसंबर को परिणाम आने के साथ ही पता चल जाएगा, लेकिन इससे पहले हार-जीत के परिणाम को लेकर जो डर बना हुआ है उस पर भी गौर करने की जरूरत है। कुछ प्रत्याशियों के चेहरे पर जीत के भाव उत्साह के साथ झलक रहे हैं। वहीं ऐसे प्रत्याशी भी हैं जिनके चेहरे से उनकी हार परिणाम से पहले बयां हो रही है। कहते भी हैं कि मन के हारे हार, मन के जीते जीत, कुछ इसी तर्ज पर परिणाम से पहले हार-जीत का आंकलन भी होने लगा है। चुनावी चर्चा के बीच इस बात का जोर है कि इस बार जरूर परिवर्तन होगा, लेकिन यह परिवर्तन कैसा होगा इसकी परिकल्पना लोग अपने-अपने हिसाब से कर रहे हैं। कुछ तो विधायकों और मंत्रियों की हार का आंकलन कर रहे हैं। भला आंकलन मंत्री और विधायकों की हार के हो रहे हैं तो सत्ता की चौथी पारी दूर की कौड़ी नजर आने लगी है। छत्तीसगढ़ में पहली शक्ति ही कायम रहेगी या फिर कोई दूसरा और तीसरा राज करेगा। यह तो अभी ईव्हीएम में कैद और लोगों की चर्चा का विषय है।