शासकीय सेवकों को 31 दिसंबर से पहले मिलेगा बड़ा तोहफा.. केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार गुजरते साल के साथ हर साल शासकीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देती है। इस बार कोरोना काल की वजह से सरकार को काफी ज्यादा नुकसान उठाना है, देश मंदी के दौर से आज भी नहीं उबर पाया है, उसके बावजूद मोदी सरकार परंपरा को तोड़ने की पक्षधर नहीं है, लिहाजा मोदी सरकार ने 31 दिसंबर से पहले देश के 6 करोड़ कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का निर्णय किया है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने 6 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के खाते में 31 दिसंबर से पहले 2020-21 के लिए एकमुश्त 8.5 फीसदी ब्याज जमा करेगा। आपके खाते में कितना ब्याज आया, इसकी जांच एक मिस्ड कॉल के जरिए कर सकते हैं।

दरअसल, श्रम मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था। इसमें 2019-20 के लिए देय ब्याज की रकम को 8.5 फीसदी की दर से एक बार में ही ईपीएफ खाते में डालने का सुझाव दिया है।
सूत्रों का कहना है कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में कर्मचारियों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा। इससे पहले सितंबर, 2020 में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा था कि 2019-20 के ब्याज को दो किस्तों 8.15 फीसदी और 0.35 फीसदी के रूप में देने का फैसला किया गया है।

खाता, पैन और आधार यूएएन से लिंक होना जरूरी

मिस्ड कॉल के जरिए सुविधा का लाभ उठाने के लिए ईपीएफओ के पोर्टल यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) के साथ मोबाइल नंबर एक्टिवेट करना होगा। इसके अलावा, यूएएन की बैंक खाता नंबर, आधार या पैन नंबर में से किसी एक से केवाईसी (नो योर कस्टमर) भी होनी चाहिए।

  • मिस्ड कॉल से ऐसे जानें खाते का बैलेंस
  • यूएएन पोर्टल पर पंजीकृत सदस्य को रजिस्टर्ड नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड कॉल करना होगा।
  • कॉल दो घंटी के बाद अपने आप कट जाएगा, जिसके लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा।
  • इसके बाद ईपीएफओ के संदेश के जरिए पीएफ खाते का ब्योरा मिल जाएगा।
  • ईपीएफओ के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से भी कर्मचारी अपने पीएफ खाते का बैलेंस देख सकते हैं।
  • यह नंबर बैंक खाते की तरह होता है, जिसे एक्टिवेट करने के लिए लिंक https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface पर क्लिक करना होगा।

आवेदकों को 13,300 करोड़ जारी

ईपीएफओ ने महामारी के दौरान भविष्य निधि खातों से धन निकालने के 52 लाख मामलों का निपटारा किया। इसके तहत 13,300 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई, जो बिना वापसी के अग्रिम दावे के तौर पर जारी की गई।

गंगवार का कहना है कि सरकार ने इस साल मार्च में ईपीएफओ से जुड़े छह करोड़ से अधिक अंशधारकों को उनके भविष्य निधि खाते से महंगाई भत्ते सहित अधिकतम तीन महीने का मूल वेतन निकालने की अनुमति दे दी थी। लॉकडाउन को देखते हुए भविष्य निधि अंशधारकों को यह सुविधा दी गई।

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