साइबर क्राइम: कोरबा पुलिस ने जन सामान्य को जागरूक करने का निर्णय लिया

कोरबा 17 दिसम्बर। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने जन सामान्य को जागरूक करना तय किया है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोशिश की जा रही है। सामूहिक संवाद के अलावा बैंक और एटीएम के आसपास बैनर, पोस्टर के माध्यम से इस काम को किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसा करने से लोगों की समझ बढ़ेगी और ठगों के मनोबल को तोड़ा जा सकेगा।
मोबाइल टावर लगाने से लेकर करोड़ों की लॉटरी लगने, विभिन्न योजनाओं में इनाम निकलने और केबीसी के लिए चयन होने जैसे झांसे देने का काम दूरदराज में बैठे ठग गिरोहों के द्वारा किया जा रहा है। आम लोगों के टेलीफोन नंबर विभिन्न प्रयोजन से फीड किये गए हैं। अपने संपर्कों का लाभ लेने के साथ ठगों के गिरोहों ने ऐसे नंबरों को प्राप्त कर लिया है और इस योजना पर निरंतर काम करने में लगे हुए हैं। राजस्थान, बिहार, झारखंड के अलावा दिल्ली प्रदेश से इस तरह का काम पूरी रफ्तार से चल रहा है। ऐसे ठगों के निगाह में सबसे सॉफ्ट जगह हिंदी पट्टी वाले राज्य बने हुए हैं। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे प्रदेश के लोगों को ठगों के नेटवर्क से ज्यादा कॉल पहुंचने और उन्हें शिकार बनाने की घटनाएं पिछले कुछ दिनों से निरंतर हो रही है। गिरोह के लिए काम करने वाले एक तरह से ट्रेंड हैं और उन्हें कॉलर से बात करने के साथ अपने जाल में फंसाने की पूरी टेक्निक मालूम है। यही कारण है कि बाहर से आने वाले फोन और उसके कंटेंट पर काफी लोग फंस जाते हैं और टॉस्क पर काम करने के साथ अपनी मेहनत की हजारों, लाखों की रकम गंवा देते हैं।

कोरबा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं जिनमें लोगों ने काफी नुकसान झेला। हाल में ही कोरबा जिले की दीपका पुलिस ने ऑनलाइन फ्राड के मामले में राजस्थानी मेवाती गिरोह के चार सदस्यों को दबोचा और उनसे काफी कुछ उगलवाया। इस मामले में सरगना की खोज का काम बाकी है। पुलिस के पास अन्य मामलों में कई अहम् सूचनाएं आ चुकी हैं। इस आधार पर वह विभिन्न प्रदेशों का रूख करने को है। इधर ठगी के मामलों पर लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ने बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है। इसके अंतर्गत लोगों को बैंकिंग व्यवहार करने के दौरान रखी जाने वाली सावधानी से अवगत कराया जा रहा है। इसके अलावा अपरिचित कॉल आने और संबंधित के द्वारा झांसे वाली सूचनाओं देने की स्थिति में उन पर कतई भरोसा नहीं करने और अपने बैंक खाते या एटीएम से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी नहीं देने को कहा जा रहा है। थाना व चौकी प्रभारियों को विभिन्न क्षेत्रों में पेट्रोलिंग के साथ लोगों को समझाईश देने के लिए भी कहा गया है।

“अपने स्तर पर पुलिस ऐसी घटनाओं को रोकने का काम कर रही है। जागरूकता अभियान को चलाना इसी कड़ी में शामिल है। पिछली घटनाओं से स्पष्ट हुआ है कि जानकारी के अभाव और समझ की कमी के कारण लोग ठगी के शिकार हुए हैं। उन्हें व्यक्तिगत रूप से सतर्क होना पड़ेगा। ऐसा होने पर ऑनलाइन ठगी करने वालों को रोका जा सकता है।”
*कीर्तन राठौर, एडिसनल एसपी, कोरबा

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