गांजा तस्करी के खिलाफ कार्रवाईः 500 रु.रोजी में गांजा बिकवाता, सरगना टीम पर हमला कर फरार

घटना में आबकारी विभाग के चालक घायल, मोनू पकड़ाया
कोरबा 27 मार्च। जिले के विभिन्न क्षेत्रों खासकर शहर और ग्रामीण इलाकों में अवैध नशा बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। इसके लिए संगठित गिरोह काम कर रहा है लेकिन इस गिरोह तक पुलिस और आबकारी विभाग की पकड़ पूरी तरह से नहीं हो पा रही है। बड़े तस्करों की बात छोड़ दें तो पकड़े जाने वाले सप्लायरों की इतनी हिम्मत हो गई है कि वह अमले पर हाथ उठाने में नहीं कांप रहे। कहीं ना कहीं अपेक्षाकृत ज्यादा सोशल फ्रेंडली होती पुलिसिंग का भी ऐसे तस्कर भरपूर फायदा उठा रहे हैं और बच्चों से लेकर युवा तरह-तरह का नशा के आदी होते जा रहे हैं।
आज शहर क्षेत्र के अपच मार्ग पर स्थित बुधवारी बाजार में गांजा तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची आबकारी विभाग की टीम से गांजा तस्कर ने मारपीट कर ली। गांजा तस्कर मारपीट के बाद फरार हो गया।इस घटना में आबकारी विभाग के चालक घायल हो गया है। जानकारी के अनुसार बिलासपुर से आई संभाग स्तरीय आबकारी विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि कोरबा के सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र अंतर्गत बुधवारी बाजार के एक मकान और ठेले से अवैध गांजा बेचा जा रहा है। मौके पर पहुंची टीम ने छापेमारी के दौरान एक युवक को बाजार में फेरी लगाकर गांजा बेचते हुए पकड़ा है।
पूछताछ में उसने अपना नाम मोनू चौहान 20 वर्ष बताया। उसने बताया कि वो 500 रुपए की रोजी पर छोटका के कहने पर गांजा की पुड़िया बेचता था। प्रत्येक पुड़िया 100 रुपए में बेची जाती थी और सप्लायर के कहने पर यह काम करता था। मोनू ने बताया कि गांजा ओडिशा से लाया जाता है, लेकिन इसकी लाने ले जाने की जानकारी उसे नहीं थी। आबकारी की टीम ने मोनू को पकड़कर कथित सप्लायर को फोन कर बुलाया। मौके पर पहुंचते ही उसने टीम से विवाद किया। इसके बाद हाथापाई और मारपीट कर फरार हो गया। हमले के बाद आबकारी टीम ने सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र में लिखित शिकायत की है। घटना में टीम के वाहन चालक बिलासपुर चिंगराज पारा निवासी नारायण श्रीवास 40 वर्ष को चोटें आईं है जिसका पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कराया है।
गांजा सप्लायर के घर में दाखिल नहीं हो सकी टीम
इधर, दूसरी तरफ आबकारी विभाग की टीम कथित गांजा सप्लायर के घर में दाखिल नहीं हो सकी। घटना के बाद इलाके में भीड़ जुट गई। संभाग स्तरीय आबकारी टीम मुकेश पांडे के नेतृत्व में पांच सदस्यों के साथ कार्रवाई कर रही थी, जिसमें एक महिला हेड कांस्टेबल भी शामिल रही।