मंगल ग्रह के लाल रंग का क्या है- राज? वैज्ञानिकों ने पता लगाया

न्यूयॉर्क। मंगल ग्रह शुरू से ही लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इसका प्रमुख कारण इसका अनोखा लाल रंग है, जो पृथ्वी से भी नजर आता है। अब वैज्ञानिकों ने एक नई स्टडी से पता लगाया है कि मंगल के लाल रंग का राज क्या है। उन्होंने कहा कि इस लाल रंग में ऑक्सीजन और पानी की महत्वपूर्ण भूमिका है। मंगल हमारे सौर मंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। यह केवल बुध से बड़ा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह पर पानी मौजूद है। यह ग्रह अपने अनोखे रंग के कारण शुरू से ही इंसानों के लिए आकर्षण का विषय रहा है। अपने जंग लगे रंग के कारण इसे ‘लाल ग्रह’ का उपनाम दिया गया है। लेकिन, सवाल उठता है कि आखिर इस ग्रह को लाल रंग किस वजह से मिला है।
मंगल के लाल रंग का कारण क्या है?
एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह का रंग उसकी सतह पर मौजूद जंग के रंग की धूल के कारण है। इसे फेरिहाइड्राइट कहा जाता है। यही धूल मंगल ग्रह को लाल रंग प्रदान करती है। इसका खुलासा मंगल ग्रह पर भेजे गए अंतरिक्ष यान और लैंडर से मिले डेटा के आधार पर किया गया है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर होने वाली रासायनिक प्रक्रिया की तरह, जब-जब चट्टानों में मौजूद लोहा पानी या पानी और मंगल के वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन के साथ मिला, तो इससे आयरन ऑक्साइड बना।
इस लिए लाल दिखता है मंगल
इसके बाद मंगल ग्रह की हवाओं ने अरबों साल में आयरन ऑक्साइड को पूरे ग्रह पर फैलाया और इसे धूल में बदल दिया। इस कारण मंगल ग्रह को इसका खास लाल रंग मिला। चूंकि, मंगल पर अब तरल पानी नहीं है, इसलिए वैज्ञानिकों का पहले मानना था कि इसका रंग-लाल रंग धूल में मौजूद हेमेटाइट जैसे सूखे आयरन ऑक्साइड की वजह से है। हालांकि, सैटेलाइट डेटा और प्रयोगशाला प्रक्रियाओं के नए विश्लेषण के अनुसार, ग्रह के लाल रंग के लिए फेरिहाइड्राइट एक बेहतर व्याख्या हो सकती है।
क्या कहा वैज्ञानिकों ने ?
ब्राउन यूनिवर्सिटी में पृथ्वी, पर्यावरण और ग्रह विज्ञान विभाग में एक प्रमुख लेखक और पोस्टडॉक्टरल फेलो एडोमास वैलंटिनस ने कहा, मंगल ग्रह लाल क्यों है, इस मूलभूत प्रश्न पर सैकड़ों, यदि हजारों नहीं, वर्षों से विचार किया जा रहा है। मंगल ग्रह अभी भी लाल ग्रह है। बस इतना है कि मंगल ग्रह लाल क्यों है, इस बारे में हमारी समझ बदल गई है। मंगल ग्रह की धूल के एक प्रमुख घटक के रूप में फेरिहाइड्राइट की पहचान मंगल ग्रह के अतीत और अलौकिक जीवन की संभावना के बारे में हमारे ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ हो सकती है।