छत्तीसगढ़: अब 24 x 07 खुली रह सकेंगी बाजार की दुकानें, नया नियम प्रभावी

रायपुर। प्रदेश में नई दुकान एवं स्थापना अधिनियम लागू हो गया है। नई व्यवस्था के बाद दुकानों और स्थापना का पंजीयन अब श्रम विभाग करेगा। पुरानी व्यवस्था में दुकानों को हफ्ते में एक दिन बंद रखना जरूरी था। अब दुकानें 24 घंटे और पूरे सप्ताह खुली रह सकती हैं। बशर्ते कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश मिले। नई व्यवस्था में कुछ सुरक्षा शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने दिया जाएगा। श्रम विभाग का दावा है कि इससे छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, क्योंकि नया कानून 10 या अधिक कर्मियों वाली दुकानों- स्थापना पर लागू होगा। पहले बिना किसी कर्मी के भी सभी दुकानें अधिनियम के दायरे में आती थीं। इसके अलावा पंजीयन प्रक्रिया सरल होगी। पहले दुकानों का पंजीयन नगरीय निकाय द्वारा किया जाता था।

यह बदलावः नई व्यवस्था पूरे छत्तीसगढ़ में लागू

राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया है। इसके साथ ही पुराना अधिनियम 1958 और नियम 1959 को निरस्त कर दिया गया है। नया अधिनियम पूरे राज्य में लागू होगा। जबकि पुराना अधिनियम केवल नगरीय निकाय क्षेत्रों में प्रभावी था।

  • नई व्यवस्था में पुराने दुकानदारों का क्या होगा, उन्हें भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा?
  • हां, पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।.
  • रजिस्ट्रेशन के लिए फीस कितनी लगेगी?
  • नए नियमों में दुकान और स्थापनाओं के पंजीयन शुल्क को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय किया गया है। न्यूनतम शुल्क 1,000 और अधिकतम 10,000 रुपए होगा। पहले यह शुल्क 100 से 250 रुपए तक था। यानी रजिस्ट्रेशन फीस में 10 गुना तक इजाफा हो गया है।
  • नई व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
  • नए अधिनियम के लागू होने के 6 महीने के भीतर सभी पात्र दुकानों और स्थापना को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया श्रम विभाग के पोर्टल shramevjayate.cg.gov. in से ऑनलाइन पूरी की जा सकेगी।
  • 6 महीने गुजरने के बाद रजिस्ट्रेशन कराने पर क्या होगा?
  • यदि 6 महीने बाद आवेदन किया जाता है, तो नियमानुसार शुल्क देना अनिवार्य होगा। नए अधिनियम में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, लेकिन अपराधों के कम्पाउंडिंग की सुविधा दी गई है। यानी जुर्माने की राशि बढ़ती रहेगी। इससे नियोजकों को कोर्ट की कार्रवाई से बचने का विकल्प मिलेगा।
  • दुकानदारों को नए नियम से क्या करना होगा?
  • सभी नियोजकों को कर्मचारियों के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करने होंगे। हर साल 15 फरवरी तक दुकान एवं स्थापना को कर्मचारियों का वार्षिक विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर करेंगे अपलोड। निरीक्षकों की जगह फेसिलिटेटर और मुख्य फेसिलिटेटर नियुक्त होंगे। वे व्यापारियों और नियोजकों को बेहतर मार्गदर्शन देंगे।
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