एआई समाज, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को नया आकार दे रहा है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

पेरिस. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन में अमरीका और ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार भारत, फ्रांस और चीन सहित कई देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं बताया गया है। हस्ताक्षर करने वाले देशों ने एआई तकनीक के विकास के लिए खुले, समावेशी व नैतिक दृष्टिकोण का संकल्प लिया है। मैक्रों ने सम्मेलन में कहा कि एआई को आगे बढ़ाने के लिए हमें नियमों की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एआई एक्शन समिट’ के दौरान संबोधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्त्व पर जोर दिया। पेरिस के ग्रैंड पैलेस में आयोजित सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘शासन का मतलब सभी के लिए पहुंच सुनिश्चित करना भी है, खास तौर पर ग्लोबल साउथ में। एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बहुत सी चीजों को बेहतर करके लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है।’ मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं। मैक्रों ने कहा कि अगला समिट भारत में होगा।

नई मानवता संहिता लिख रहा एआई : मोदी

■ मानवता के लिए कोड के रूप में ए आई: मोदी ने कहा कि ए आई समाज, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को नया आकार दे रहा है और 21वीं सदी में मानवता के लिए नया कोड (संहिता) लिख रहा है।

■ एआई के खतरेः मोदी ने एआई के लिए वैश्विक पैरामीटर व रेगुलेशन के साथ नवाचार को बढ़ावा देने का आह्वान किया। इसके जोखिमों से निपटने, सुरक्षा चिंताओं को दूर करने की बात कही।

■ एआई पूर्वाग्रहः मोदी ने कहा कि एआई की क्षमता अद्भुत है, लेकिन पूर्वाग्रहों की सावधानीपूर्वक जांच और सुधार की आवश्यकता है।

■ नौकरी जाने की चिंताः एआई के कारण नौकरी जाने की चिंता पर मोदी ने कहा कि इतिहास बताता है कि तकनीक काम को खत्म करने के बजाय उसकी प्रकृति को बदलती है।

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