कोरबा:दीपावली, छठ, गुरूपर्व, नया वर्ष तथा क्रिसमस में दो घंटे ही फोड़ सकेंगे पटाखे

वायु प्रदूषण रोकने वायु गुणवत्ता नौ से 14 नवम्बर तक मापी जायेगी, कलेक्टर ने जारी किये आदेश


कोरबा 9 नवंबर। आगामी त्यौहारों के दौरान पटाखे उपयोग होने से वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण कोविड-19 वायरस का संक्रमण बढ़ना संभावित है। त्यौहारों के समय वायु प्रदूषण को रोकने तथा कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिय राज्य शासन ने पटाखे फोड़ने का समय तय कर दिया है। अब दीपावली, छठ गुरूपर्व, नया वर्ष तथा क्रिसमस में पटाखे फोडने के लिये समयावधि दो घंटे निर्धारित की गई है। राज्य के मुख्य सचिव के निर्देश के बाद जिला कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने भी सभी दण्डाधिकारियों सहित पुलिस एवं पर्यावरण विभाग तथा नगर निगम के अधिकारियों को पत्र जारी किया है। आगामी त्यौहारों के दौरान वायु प्रदूषण को रोकने तथा वायु गुणवत्ता सुधारने केवल हरित पटाखे ही बेचने और उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशानुसार हरित पटाखे फोड़ने की अवधि दीपावली में रात आठ बजे से दस बजे तक, छठ पूजा के दौरान सुबह छह बजे से सुबह आठ बजे तक, गुरूपर्व में रात आठ बजे से रात दस बजे तक एवं नया वर्ष और क्रिसमस के दौरान रात 11 बजकर 55 मिनट से रात साढ़े 12 बजे तक निर्धारित की गई है। पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा जिले में नौ नवंबर से 14 नवंबर तक वायु गुणवत्ता मापी जायेगी तथा नियमित माॅनिटरिंग भी की जायेगी। वायु गुणवत्ता के अंतर्गत पीएम 10 में भारी धातु लेड, निकिल, आर्सेनिक एवं पीएम 2.5 में भारी धातु एल्युमिनियम, बेरियम एवं आयरन तथा सल्फर डाय आॅक्साइड, नाइट्रिक आॅक्साइड के स्तर की माॅनिटरिंग की जायेगी।
त्यौहार के समय पटाखे उपयोग करने के संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। कम प्रदूषण करने वाले ही एवं हरित पटाखों की बिक्री लाइसेंस्ड ट्रेडर्स द्वारा ही की जा सकेगी। केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिये बाजार में बेचा जा सकेगा जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार सीरीज पटाखे अथवा लड़ियों की बिक्री, उपयोग एवं निर्माण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। पटाखों में लिथियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग करने वाले पटाखा निर्माताओं का लाइसेंस भी रद्द करने के भी निर्देश दिये गये हैं। आॅनलाइन या ई-काॅमर्स वेबसाइटों से पटाखों की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।

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