जमीन से 400 मीटर नीचे उतरे इन्फ़्लूएंसर्स

कोरबा 13 जनवरी। एसईसीएल में 4 दिन के दौरे पर रहे देश के 5 जाने-माने सोशल मीडिया इनफ्लूएनसर ने एशिया की दूसरी सबसे बड़ी खदान गेवरा में यह देखा कोयला कैसे निकाला जाता है। वे सीएसआर लाभार्थियों से भी रूबरू हुए। उन्होंने कंपनी के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के बारे में भी जाना।
उल्लेखनीय हैं की कोयला मंत्रालय एवं एसईसीएल के संयुक्त प्रयास से देश में पहली बार सोशल मीडिया इन्फ़्लूएंसर्स द्वारा एक कोल पीएसयू का दौरा किया गया। सोशल मीडिया इनफ़्लूएंसर्स को कोल इंडस्ट्री से रूबरू करवाने वाली पहली कंपनी एसईसीएल बनी।
जानकारी के अनुसार 07 जनवरी से 10 जनवरी के बीच देश के 5 जाने-माने सोशल मीडिया इन्फ़्लूएंसर्स ने एसईसीएल का दौरा किया। दौरे के दौरान इन इन्फ़्लूएंसर्स ने कंपनी की खदानों एवं सीएसआर परियोजनाओं का दौरा कर देश की उन्नति में कोयला उद्योग के योगदान को करीब से जाना।
इन्फ़्लूएंसर्स ने कोरबा जिले में स्थित दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा में ग्राउंड ज़ीरो पर पहुँचकर कोयला उत्पादन, ओबी रिमूवल एवं एफ़एमसी से डिस्पैच के बारे में जाना। इसके साथ ही उन्होने केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान (सीपेट) कोरबा जाकर वहाँ एसईसीएल द्वारा सीएसआर के मद से नि:शुल्क प्रशिक्षण पा रहे स्टूडेंट्स से भी बात की।

खुली मुहाने की कोयला खदान के कार्य संचालन को देखने के बाद इन्फ़्लूएंसर्स ने बैकुंठपुर जिले में संचालित कोल इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी अंडरग्राउंड कोल माईन चरचा आरओ का भी दौरा किया। यहाँ उन्होने मैन राईडिंग कार सिस्टम की मदद से ज़मीन के लगभग 400 मीटर नीचे पहुंचकर कंटीन्यूअस माईनर की मदद से कोल प्रोडक्शन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जाना।

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