फ्लोरा मैक्स ठगी मामले में कलेक्टर से मांगी गई जानकारी

कोरबा 10 जनवरी। कोरबा जिले में फ्लोरा मैक्स कंपनी के झांसे में आकर हजारों महिलाएं कर्जदार बन गई हैं। माइक्रो फायनेंस कंपनियां किश्त करने महिलाओं पर दबाव बना रही है। जिससे महिलाओं को प्रताडना का शिकार होना पड़ रहा है। प्रभावित महिलाओं ने आंदोलन के साथ आमरण अनशन शुरू कर दिया है।

इस मामले में छग शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सचिव ने संज्ञान लिया है। मामले में कोरबा जिला कलेक्टर को महिलाओं से धोखाधड़ी संबंधित प्रकरण पर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने निर्देश दिए गए हैं। फ्लोरा मैक्स कंपनी से महिलाएं ठगी का शिकार हुई हैं। जिस पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सचिव ने जानकारी मांगी है। जिसमें कहा गया है कि फ्लोरा मैक्स, सप्तऋषि संस्थान आदि संस्थानों द्वारा माइक्रो फाईनेंस लोन दिलाने के बहाने महिलाओं, स्व-सहायता समूहों के सदस्यों से ठगी का मामला संज्ञान में आया है। ठगी से संबंधित वस्तुस्थिति रिपोर्ट प्रभावित महिलाओं की संख्या, जांच की स्थिति, एफआईआर, कार्यवाही की स्थिति आदि उपलब्ध कराने कहा गया है।

उक्त घटना यदि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत वित्तीय समावेशन शाखा के तहत् चक्रिय निधि, सामुदायिक निवेश निधि, बैंक लिंकेज आदि से संबंधित हो तो उसका उल्लेख करने कहा गया है। यदि विभाग अंतर्गत किसी अधिकारी, कर्मचारी, कैडर की संलिप्तता पायी गयी हो तो उस पर की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत कराने कहा गया है। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिये कार्ययोजना के संबंध में भी अवगत कराने की बात कही गई है।

रामपुर आईटीआई तानसेन चौक पर फ्लोरा मैक्स से प्रभावित महिलाएं आमरण अनशन पर बैठी हुई है। आंदोलन के तीसरे दिन रामपुर विधायक फूलसिंह राठिया ने धरना स्थल पहुंचे थे। उन्होंने 40 हजार आदिवासी महिलाओं के साथ हुई ठगी में शासन प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने उरगा में आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी है। माना जा रहा हैं की विधायक फूलसिंह राठिया के एक्शन के बाद शासन का रिएक्शन देखने को मिला है। अब सचिव ने कलेक्टर से जानकारी मांगी है।

वैसे तो फ्लोरा मैक्स से हजारों महिलाएं ठगी का शिकार हुई है, लेकिन जिला पुलिस ने केवल एक मामले में एफआईआर दर्ज किया है। जिसमें 13 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। जिले भर में महिलाएं ठगी गई हैं, जो विभिन्न थाना क्षेत्रों से संबंधित हैं, लेकिन पुलिस ने थाना चौकियों में अलग-अलग प्रकरण दर्ज नहीं किया है।

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