बाइकर्स को मौत की नींद सुलाने के बाद क्रेटा भिड़ी कोर्ट की दीवार से, दो युवक घायल
कोरबा 13 दिसम्बर। रफ्तार का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है और इन मामलों में लगातार जनहानि का सिलसिला जारी है। पिछली रात्रि कटघोरा थाना क्षेत्र के चिर्रा इलाके में हुए सडक हादसे में बाइक सवार युवक की मौत हो गई जबकि उसके दो सहयोगियों को गंभीर चोट आई उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाइक को अपनी चपेट में लेने वाली क्रेटा कार को कटघोरा पुलिस ने जप्त कर लिया है। आरोपीय चालक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध करने के साथ अगली कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर कई प्रकार के सवालों को जन्म दे दिया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार पिछली रात 10.30 बजे के लगभग कटघोरा क्षेत्र के अंतर्गत यह हादसा हुआ, जिसमें रविकांत बंजारे 22 वर्ष पिता मूरित बंजारे की मौत हो गई। उसके साथ बाइक पर दो और युवक सवार थे। जानकारी मिली है कि यह तीनों कटघोरा से कोरबा की तरफ निकले थे। बाइक को अपने निशाने पर लेने वाली चार पहिया गाड़ी कटघोरा क्षेत्र के निवासी की बताई गई है जिसे अक्षत जायसवाल चला रहा था। कटघोरा से 2 किमी दूर कोरबा सडक मार्ग पर स्थित एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट के सामने तेज रफ्तार चार पहिया वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। सडक पर बाइक को ठोकने के बाद कार कोर्ट की चार दिवारी से टकराई। आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरे में यह तस्वीर कैद हुई है। इससे माना जा रहा है कि चार पहिया वाहन की स्पीड़ बहुत ज्यादा रही । घटना के दौरान चालक का नियंत्रण स्टेरिंग पर नहीं रहा और बाइक पर सवार एक युवक प्राणहीन हो गया। जबकि उसके साथी दर्द से कराहने के साथ अब अस्पताल की शरण में है। सूत्रों के अनुसार घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस की टीम ने मौके पर उपस्थिति दर्ज कराई और औपचारिक कार्रवाई करने के साथ दोनों पीडितों को अस्पताल व मृतक के शव को मरच्यूरी भिजवाया। रात में ही मृतक और घायलों के बारे में आवश्यक जानकारी जुटा ली गई थी। इस घटना को लेकर पुलिस ने अपराध रजिस्टर्ड किया है और आगे की कार्रवाई कर रही है।
वर्ष 2023 में सडक दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 750 से ज्यादा की रही जबकि इससे कहीं अधिक संख्या में लोग इन घटनाओं में घायल हुए। कोरबा जिले के अंतर्गत नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और अन्य रास्तों पर हुई दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत दो पहिया और अन्य गाड़ी चालक व सफर करने वालों की हुई। जबकि वर्ष 2024 में 11 महीना में इस प्रकार की म्यूट के आंकड़े में कुछ कमी आई है। दावा किया जा रहा है कि अलग-अलग स्तर पर सडक सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाने एवं लोगों की समझ विकसित होने के कारण उनकी जिम्मेदारी का ग्राफ कुछ हद तक बढ़ा है। पुलिस का कहना है कि दुर्घटनाओं के पीछे व्यक्तिगत लापरवाही के साथ-साथ गैर जिम्मेदारी के साथ गाड़ी चलाने, शराब पीने और यातायात सडक संकेतकों पर गंभीरता नहीं दिखाना सबसे बड़े कारण होते हैं।
हाल में ही हुए हादसे में दो लोगों की मौत के बाद पुलिस के द्वारा अभियान शुरू किया गया है और खास तौर पर उन गाडियों पर कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने गुड्स ट्रांसपोर्ट के रूप में अपना पंजीयन कराया है लेकिन वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर काम कर रही है। पिक अप गाडियों में इस प्रकार के मामले ज्यादा आ रहे हैं और यह दुर्घटना का शिकार हो रही है। गाडियों के चालकों पर कार्रवाई करने के साथ हम उनमें सवार होने वाले लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि ऐसा करना गलत है। इस पर लगातार कार्रवाई की जाएगी।