चेतावनी के बावजूद आबादी वाले क्षेत्रों में खुले बिक रहे जीव-जन्तुओं का मांस

कोरबा 25 नवम्बर। अंचल में खुले में बिक रहे मांस एवं मांस के उत्पादकों से जनजीवन को स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडने की चिंता सताने लगी है। आरोप लगाते हुए बताया जा रहा हैं की नियमों को ताक पर रख विक्रेता छोटे ठेले एवं सडक किनारे खुले में मांस बेचने का कार्य कर रहे है। जिससे स्वास्थ्य संबंधी बीमारीयो का खतरे के साथ लोगों को दुर्गंध एवं स्वच्छता का अभाव भी अंचल में देखने को मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार अंचल के आईटीआई चौक से बालको जाने वाले मुख्य मार्ग में प्रतिदिन खुले में सडक किनारे मांस का क्रय किया जा रहा है। जिसमें नियमों को ताक पर रख प्रतिदिन खरीदी-बिक्री की जा रही है। सडको पर से उडने वाली धूल मांस मछली पर जाकर लगती है, ऐसे में उन्हें खाने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है। व्यापारी पुराने बोरे के ऊपर रखकर मांस एवं मांस के उत्पादकों की बिक्री करते है। इनके पास न तो उसे ढकने की कोई व्यवस्था होती है न ही रेफ्रिजरेशन के कोई सुरक्षित उपाय, जिससे मांस के गुणवत्ता पर भी सवाल उठते है।

बताया जा रहा हैं की दूसरी ओर शहर के इतवारी बाजार में भी यह आलम देखने को मिलता है जहां खुले आम पशु वध एवं मांस बेचने का कार्य किया जाता है। उक्त क्षेत्र में यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। जिसका लोगो ने विरोध भी समय-समय पर किया है। मगर अब तक उन्हें दुर्गंध एवं अस्वच्छता से निजात नहीं मिल पाई, इसी क्रम में अंचल के पी.जी. कालेज रोड में स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल के सामने में भी मछली की बिक्री का कार्य कुछ लोगों द्वारा सडक किनारे खुले में किया जाता है। जिस स्थान पर यह दुकानें लगती है उससे महज कुछ ही दूरी पर कोरबा वनमंडल अधिकारी का कार्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सहित जिला अस्पताल भी संचालित है। इसके उपरांत भी बेधडक यह दुकानें उक्त स्थान पर लगती है। मांस का सेवन न करने वाले शाकाहारी लोगों के लिए इन स्थानों से गुजरने में दिक्कतें उठानी पड़ती हैं।

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