नान घोटाला : पूर्व महाधिवक्ता को नहीं मिली अग्रिम जमानत

रायपुर। पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका बुधवार को खारिज कर दी है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला मामले में EOW ने पूर्व महाधिवक्ता के अलावे दो पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसी मामले में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने अग्रिम जमानत की याचिका रायपुर के स्पेशल कोर्ट में लगाई थी।

इस मामले में आज सुनवाई के बाद ADJ निधि वर्मा ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। ईओडब्ल्यू में 2015 में दर्ज नान घोटाले में आरोप है कि तीनों ने प्रभावों का दुरुपयोग कर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। इसी मामले में 2019 में ईडी ने भी केस दर्ज किया है। अब बीते 4 नवंबर को EOW की ओर से तीनों के खिलाफ नई FIR दर्ज कर जांच शुरू की गई है।

आपको बता दें कि EOW का आरोप है कि इसके बाद तीनों ने मिलकर एजेंसी (EOW) काम करने वाले उच्चाधिकारियों से प्रक्रियात्मक दस्तावेज और विभागीय जानकारी में बदलाव करवाया. ताकि नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ साल 2015 में दर्ज एक मामले में अपने पक्ष में जवाब तैयार कर हाईकोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रख सकें और उन्हें जमानत मिल सके।

छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, सतीश चंद्र वर्मा और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धाराओं 7, 7क, 8, और 13(2) और भारतीय दंड संहिता की धाराएं 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए, और 120बी के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं।

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