दो किमी की जमीन को लेकर विवाद, प्रशासन ने की नापजोख
जुराली में नेशनल हाईवे के अटके काम को आगे बढ़ाने अब एक्शन मोड में प्रशासन
कोरबा 17 नवंबर। बिलासपुर-अंबिकापुर नेशनल हाईवे संख्या 130-बी का निर्माण कार्य कुछ हिस्से में हो चुका है और कुछ में जारी है। डीबीएल को इसकी जिम्मेदारी मिली हुई है। कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में जुराली के पास दो किमी की जमीन को लेकर विवाद की स्थिति कायम है। खबर है कि एनएचएआई इसे अर्जित करने की मानसिकता में है। दूसरी तरफ कई कारण से लोग विरोध कर रहे है। प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस बल की मौजूदगी में यहां जमीन की नापजोख की गई।
नगर पालिका क्षेत्र कटघोरा के अंतर्गत यह इलाका शामिल है, जहां राष्ट्रीय राजमार्ग को अपने कार्यों के लिए जमीन की जरूरत है। जुराली में सडक निर्माण के लिए कुछ कारणों से दिक्कतें हो रही है। मौके की अधिकांश जमीन कृषि प्रयोजन की है। खेती-बाड़ी पर आधारित परिवारों की जीविका इस जमीन से होती है। इसलिए लगातार इसका विरोध होता आ रहा है कि वे मनमाने तरीके से भू-अर्जन नहीं होने देंगे। सूत्रों के अनुसार इस इलाके में लगभग दो किमी का हिस्सा विवादों में रहा है। किसानों के अपने तर्क है और वे जमीन को किसी और उपयोग में लिये जाने के खिलाफ में है। नेशनल हाईवे को अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए यहां की जमीन की आवश्यकता है। उसके द्वारा राज्य सरकार को इस बारे में जानकारी दी जा चुकी है। इस आधार पर जमीन का अर्जन करने के लिए तैयारी की जा रही है। बताया गया कि इसी इरादे से रविवार को सुबह प्रशासन और पुलिस की टीम जुराली पहुंची। विवाद को देखते हुए काफी संख्या में पुलिस कर्मी यहां तैनात किये गये। इनकी मौजूदगी में संबंधित क्षेत्र का जायजा लेने के साथ नामजोख कराई गयी। इससे पहले प्रशासन ने लोगों को हर स्तर पर समझाने की कोशिश की। बात नहीं बनी तो दूसरे तरीके उपयोग में लाये गये। बताया गया कि किसानों की हटधर्मिता के कारण हाईवे का निर्माण अपने निर्धारित दायरे में अटका रहा है। किसानों ने मुआवजे को लेकर कोर्ट में केस कर रखा है। उधर राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से कहा गया कि जो फैसला होगा उस आधार पर मुआवजा का भुगतान किया जायेगा। आज इस कड़ी में यहां प्रशासन अधिकारी और राजस्व की टीम के द्वारा क्षेत्र में मार्किंग की गई। इसके मायने निकाले जा रहे कि जहां कहीं मार्क किया गया है, वहां कि जमीन अधिग्रहण में शामिल होगी।
जुराली में जिस प्रकार के हालात काफी समय से इस मामले को लेकर बने रहे उससे प्रशासन के सामने चुनौती हुई। उच्च स्तर पर इसकी जानकारी देने के साथ अगली कार्रवाई के लिए निर्देश मांगे गये। संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिले के कई थाने और लाईन से फोर्स की व्यवस्था की गयी। इसके पीछे मकसद यह था कि प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के दौरान किसी प्रकार के दबाव पैदा न हो।