औद्योगिक जिले में दुर्गा-पूजा के लिए प्राथमिक तैयारियां शुरू
25 करोड़ से भव्यता मिलेगी दुर्गोत्सव को
कोरबा 24 सितंबर। अश्विन शुक्ल पक्ष में नवरात्र पर्व मनाया जाएगा। शक्ति की उपासना के नाम से पर्व की पहचान है। औद्योगिक जिले कोरबा में सैकड़ों स्थान पर आदिशक्ति की प्रतिमाएं विराजित करने के साथ यह उत्सव संपन्न होगा। अनुमान है कि शहर से लेकर उपनगर और कस्बों व ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले इस आयोजन में लगभग 25 करोड़ खर्च होंगे। पंडाल तैयार होने से लेकर संपूर्ण पूजा में इतनी राशि कुल मिलाकर व्यय होगी। कई उद्यमियों को इससे ऊंचा उठने का मौका मिलेगा।
गणेशोत्सव के साथ ही दुर्गा पूजा के लिए कोरबा जिले में प्राथमिक तैयारियां शुरू हो गई जो अब लगातार बढ़ रही है। मौसम के उठापटक के कारण आयोजन समितियों के सामने चुनौतियां हैं लेकिन वे पूरे मन से अपने काम में जुटे हैं। पूजा पंडाल तैयार करने वाले कारीगरों ने सक्रियता बढ़ाई है तो समितियों का ध्यान अपने बजट की पूर्ति में लगा हुआ है। वर्ष में हिंदू समुदाय इस शक्ति पूजा को लेकर बेहद गंभीरता दिखाता है और यही वजह है कि वह अपने समुदाय पर फोकस किए है ताकि आयोजन बेहतर तरीके से संपन्न हो सके। अकेले कोरबा नगर में दुर्गा पूजा के लिए 50 से अधिक पंडाल तैयार हो रहे हैं। उपनगरीय क्षेत्र बालकोनगर, दर्री, जमनीपाली, कुसमुंडा, बांकीमोंगरा और दीपका में भी लगभग इतनी ही संख्या ऐसे पंडालों की है। जबकि कटघोरा, पाली समेत ग्रामीण अंचल में भी दुर्गा उत्सव आस्था और उत्साह के साथ संपन्न होना है।
नारियल और फूल की ज्यादा मांगः-बाजार का रूख मौसम और तीज-त्योहार के हिसाब से बदलता है और इसी के हिसाब से उसे बूस्ट मिलता है। बाजार के जानकार बताते हैं कि वर्ष में दो नवरात्र पड़ते हैं लेकिन उसमें अश्विन नवरात्र के दौरान देवी को समर्पित किए जाने वाले नारियल की मांग अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। देवी मंदिरों के साथ-साथ मूर्ति स्थापना वाले पंडालों में प्रतिदिन कई लाख की संख्या में ऐसे नारियल समर्पित किए जाते हैं। कारोबारियों के मुताबिक भले ही हर साल मूल्य वृद्धि हो रही है लेकिन नवरात्र पर नारियल की मांग में स्थिरता का सवाल ही नहीं है। कोरबा क्षेत्र में यही हाल अलग-अलग वेरायटी के फूलों को लेकर है। मंदिरों व पंडालों की सजावट के साथ दैनिक पूजा में उपयोग के लिए स्थानीय स्तर पर प्राप्त होने वाले गुड़हल के फूल के अलावा दूसरे फूल मार्केट से लिए जाते हैं। कारोबारियों को इसमें सबसे ज्यादा आमदनी होती है और पर्याप्त मुनाफा भी।
पंडाल पर असीमित खर्चः-दुर्गा पूजा के लिए अलग-अलग अंदाज के लिए पंडाल तैयार किए जा रहे हैं। इनमें दो लाख से लेकर 10 और 15 लाख तक के खर्च संभावित हैं। बांस के स्ट्रक्चर खड़ा करने के साथ इन्हें धार्मिक और एतिहासिक धरोहर का आकार दिया जा रहा है।
ज्योति कलश होंगे प्रज्जवलित मंदिरों मेंः-नवरात्र पर ज्योति कलश प्रज्जवलित कराने की परंपरा वर्षों से प्रचलित है और अब भी इसका निर्वहन जारी है। सर्वमंगला, मड़वारानी, वैष्णो दरबार, महिषासुर मर्दिनी, सिद्धिदात्री, कंकालीन, वनसरा, चोढ़ारानी और चंडिका मंदिर में इस नवरात्र पर अनुमानित 25 हजार घृत और तेल ज्योति कलश प्रज्जवलित होंगे।
लोड के हिसाब से देंगे अस्थाई कनेक्शनः-सीएसईबी वितरण कंपनी ने दुर्गा पूजा समितियों को कहा है कि वे अनिवार्य रूप से अस्थाई कनेक्शन प्राप्त करें। उनके आवेदन मिलने के साथ कनेक्शन दिए जाएंगे। अन्य स्थिति में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बताया गया कि पूजा पंडालों में विद्युत के लोड के हिसाब से कनेक्शन की प्रक्रिया की जाएगी।