ब्रेकिंग: जिसे रोकना था भ्रष्टाचार, वही हुआ रिश्वत लेते गिरफ्तार.!

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का लोकपाल 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया

जीपीएम 12 सितम्बर। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आज गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार को रोकने के लिये नियुक्त लोकपाल को ही 25 हजार की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफतार कर लिया।

जानकारी के अनुसार जिले में मनरेगा के लोकपाल के पद पर वेदप्रकाश पांडेय पदस्थ हैं। उनके खिलाफ मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी रौशन सर्राफ ने शिकायत किया था कि लोकपाल वेदप्रकाश पांडेय उनके खिलाफ निजी मनमुटाव रखते हुये शिकायतों की जांच के नाम पर परेशान करते रहे हैं और पूर्व में सेमरा ग्राम पंचायत के एक काम के जांच की एवज में भी पांच हजार रूपये रिश्वत लिये थे। इसके बाद पेंड्रा के कुड़कई गांव में अमृत सरोवर योजना के काम में भ्रष्टाचार के शिकायत को स्वत: संज्ञान लिया और स्थल जांच के दौरान 25 हजार रूपये की मांग की। लोकपाल की प्रताड़ना से त्रस्त होकर रौशन सर्राफ ने एसीबी को शिकायत किया और योजनाबद्ध तरीके से आज एसीबी की टीम ने उस वक्त लोकपाल को रंगे हाथों पकड़ लिया, जब गौरेला में मेन रोड में एटीएम के सामने पैसा ले रहे थे। आगे की कार्यवाही के बाद आरोपी लोकपाल को एसीबी की टीम गिरफतार कर अपने साथ बिलासपुर ले गयी है।

आपको बता दें कि मनरेगा में घोटाले के मामले में लगातार शिकायतों के बावजूद कार्यवाही नहीं होने और अधिकारियों के द्वारा जांच के नाम पर शिकायतो को किनारे करने के भी जिले में काफी मामले सामने आये हैं। अब यह साफ हो गया है कि जिले में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार हो रहा है और शिकायतें भी भ्रष्टाचार के रास्ते रफ़ा दफा किये जा रहे हैं।

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