धोखाधड़ी के मामले में व्यवसायी हुआ दोषमुक्त.. 8 साल बाद आया फैसला
कोरबा। 8 साल से चल रहे धोखाधड़ी के मामले मे न्यायालय ने नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी को दोषमुक्त करार दिया है। व्यवसायी के भाई ने ही उस पर झूठा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय में मामले की सुनवाई में व्यवसायी पर दोष सिद्ध नहीं होने पर उन्हें दोष मुक्त कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासरत राजेश कुमार मुरारका ने वर्ष 2016 में थाना सिटी कोतवाली में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके स्टेट बैंक आफ इंडिया मुख्य शाखा कोरबा से संबंधित चालू खाता के चेक बुक को उसके भाई मुकेश कुमार मुरारका द्वारा चोरी करके उसमें से चार चेक में कूटरचना करके उसे बैंक में पेश करके असल के रूप में उपयोग में लाया गया। शिकायत के आधार पर मुकेश कुमार मुरारका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 379, 420, 467, 468 के तहत अपराध दर्ज कर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण न्यायालय में पेश किया था। उक्त मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा के न्यायालय में विचाराधीन था। 8 साल की सुनवाई पश्चात मामले मे न्यायाधीश श्री सत्यानंद प्रसाद ने मंगलवार 03/09/2024 को प्रकरण में फैसला सुनाया जिसमें व्यवसायी मुकेश मुरारका के खिलाफ दोष सिद्ध नहीं होने पर उन्हें सभी अपराधों से दोष मुक्त कर दिया गया।
हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट बनी आधार
मामला कूटरचना से जुड़े होने की वजह से पुलिस ने हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के पास जब्त दस्तावेजों को जांच के लिए भेजा था। जिसमें प्रार्थी राजेश कुमार मुरारका व आरोपी बताए गए मुकेश कुमार मुरारका दोनों का नमूना हस्ताक्षर भेजा गया। हैंड राइटिंग एक्सपर्ट ने कूटरचित बताए गए सभी चेक पर पर प्रार्थी राजेश कुमार का ही हस्ताक्षर होना पाया। लेकिन चेक में अंकित अन्य लेख राजेश कुमार एवं मुकेश कुमार दोनों द्वारा नहीं भरा जाना पाया। रिपोर्ट के आधार व सक्षियो के बयान के आधार पर न्यायालय ने निर्णय पारित किया है।