यातायात नियमों का उल्लंघनः ट्रैफिक पुलिस ने तोड़ा एक दशक का रिकार्ड
कोरबा 05 जनवरी। जिले में सडक हादसे रोकने एवं आवागमन बाधित होने के मामलों के अलावा यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों पर ताबड़तोड़ एक्शन लेते हुए कोरबा ट्रैफिक पुलिस ने एक दशक का रिकार्ड तोड़ते हुए बीते वर्ष 2023 में 40 लाख रुपए से ज्यादा समंस शुल्क से रिकव्हर करते हुए शासकीय कोष में उसे जमा किया है। इस दौरान कुल एक करोड़ 32 लाख 50 हजार रुपए शासकीय कोष में विभाग द्वारा न्यायालय में दर्ज प्रकरणों व स्वतरू की कार्रवाई के दौरान शासन से प्रदाय किया गया है।
जानकारी के अनुसार कोरबा यातायात पुलिस ने 621 चालान के प्रकरणों में 28 लाख 9700 रुपए समंस शुल्क बतौर वसूला है। सीएफ के 24210 मामलों में भी कार्रवाई की गई। इस दौरान ब्लैक फिल्म के 100 से ज्यादा मामलों में भी कार्रवाई किया गया। इस तरह इन मामलों में कुल शासन को एक करोड़ 32 लाख 50 हजार रुपए की राशि शासन को समंस शुल्क बतौर तथा न्यायालय से किये गए जुर्माना के माध्यम से शासकीय कोष में ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई के माध्यम से प्रदत्त हुआ है। वहीं मोटर व्हीकल एक्ट की अन्य धाराओं के तहत भी बीते वर्ष पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा कार्रवाई की गई है। विभागीय आंकड़ों के हिसाब से वर्ष 21-22 के अपेक्षा वर्ष 2023 में यातायात पुलिस द्वारा 40 लाख रुपए अधिशेष आय समंस शुल्क एवं कोर्ट आदि के माध्यम से शासन को परोसते हुए रिकार्ड तोड़ कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि इस दौरान जिले में पिछले वर्षों की अपेक्षा दुर्घटनाओं के दर में भी कमी आई है। वर्ष 23 में कुल 623 लोगों की सडक हादसों में मृत्यु हुई है जबकि 585 लोग घायल हुए हैं। यहां तक कि इस दौरान नशापान कर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 50 से ज्यादा वाहनों के चालकों का लाइसेंस भी निरस्त कराया गया है। वहीं इस दौरान 50 से ज्यादा वाहनों को कागजात नहीं होने पर जब्त कर यातायात थाना परिसर में खड़ा करा लिया गया है। उपरोक्त कार्रवाई एसपी जितेंद्र शुक्ला के मार्गदर्शन एवं एएसप अभिषेक वर्मा के पर्यवेक्षण में यातायात थाना प्रभारी गोवर्धन मांझी, एएसआई मनोज राठौर, घनश्याम सिंह राजपूत, ईश्वरी लहरे, प्रधान आरक्षक बृजेंद्र केला, संतोष सिंह, पवन सिंह एवं आरक्षक अजय राजवाड़े, टिकेश्वर साहू, रमाकांत दुबे की टीम द्वारा की गई है। ज्ञात रहे कि इस दौरान यातायात थाने के प्रभारी व अधिकारी बदलते रहे मगर विभाग के मेरूदंड की भांति एएसआई राठौर एवं श्री राजपूत ने विभागीय कार्यों को कर्तव्यबोध समझते हुए गति प्रदान करने में किसी तरह की कोताही नहीं आने दिया।