कोल लिमिटेड के अर्जित भूमि पर अतिक्रमण, पुनः स्थापन से पहले सर्वे
सर्वे की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने किया विरोध
कोरबा 23 दिसम्बर। अतीत में वेस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड के लिए अर्जित की गई कोरबा नगर के नजदीकी इलाके की जमीन को लेकर अब अगली कार्रवाई करने को लेकर प्रक्रियाएं तेज हो गई है। ये इलाके दादर खुर्द, भिलाई खुर्द और आसपास में है। एक दिन पहले प्रशासन और एसईसीएल के अधिकारी यहां पहुंचे थे। ग्रामीणों ने सर्वे की जानकारी मिलने पर इसका विरोध किया था। दावा किया जा रहा है कि यह जमीन वर्षों पहले से अर्जित की गई है, जिस पर वर्तमान में अतिक्रमण है। कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ इस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड अभी की स्थिति में कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत मानिकपुर उपक्षेत्र में काम कर रही है।
जानकारी के मुताबिक मानिकपुर खदान का विस्तार किया जाना काफी समय से प्रस्तावित है। इससे पहले दो अवसर पर रापाखर्रा और कंचदा नाला क्षेत्र में विस्तार की कार्रवाई की जा चुकी है। अनुसंधान के स्तर पर एमईसीएल बहुत पहले इस बात का पता लगा चुकी है। खदान के आगे के कितने हिस्से में कोयला का भंडार है और उसका विदोहन आगामी कितने वर्षों तक आसानी से किया जा सकता है। उक्तानुसार रिपोर्ट आगे दी गई है। सूत्रो के मुताबिक 1960 के दशक में तात्कालीन कोयला कंपनी के पक्ष में दादरखुर्द और आसपास के इलाके की जमीन का अर्जन सरकारी तौर पर किया गया था, लेकिन मौके से विस्थापन और अन्य संबंधित कार्रवाई नहीं की गई थी। अब जब मानिकपुर खदान का विस्तार करना प्रासंगिक हो गया है, तब एसईसीएल और प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हुए है।
इसी कड़ी में एक टीम ने शुक्रवार को संबंधित क्षेत्र में पहुंचकर दशक पहले अर्जित जमीन के बारे में लोगों को जानकारी दी और अगली कार्रवाई से पूर्व सर्वे किये जाने को लेकर अवगत कराया। इसके साथ ही स्थानीय लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, सर्वे का विरोध किया। उन्होंने इसके लिए कई तर्क रखे और इस तरह की कार्रवाई पर नाराजगी जतायी। मुख्य रूप से रोजगार और दूसरे मसले केन्द्र में थे। कहा गया कि उनकी पूर्ति के बिना कोई काम नहीं होने दिया जाएगा। तकनीकि तौर पर संबंधित क्षेत्र की जमीन पूर्व से अर्जित है और उस पर लोगों का अतिक्रमण है। योजना के अंतर्गत संबंधित क्षेत्र के लोगों को रिसेटल करना है। इसी के तहत यहां का सर्वे कराया जा रहा है। लोगों का विरोध इस बात पर है कि वादे के अंतर्गत एसईसीएल काम नहीं कर रहा है।