मंत्रियों की दौड़ में लखनलाल देवांगन ने दिग्गज नेताओं को छोड़ा पीछे

राज्य कैबिनेट में मंत्री बनने वाले जिले के चौथे नेता

कोरबा 23 दिसंबर। साय सरकार की मंत्रीमंडल में कई नाम चौकाने वाले रहे उसमें लखनलाल देवांगन का नाम भी शामिल है। भाजपा के दिग्गज नेताओं धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, राजेश मूढत, अजय चंद्राकर, लता उसेंडी, रेणुका सिंह व गोमती साय को पीछे छोड़ जिस तरह लखन ने बढ़त बनाई वह अप्रत्याशित रहा। दिग्गजों की लंबी फेहरिश्त को देखते हुए यह अटकलें लगाई जा रही थी कि लखनलाल को मंत्रीमंडल में स्थान मिलना मुश्किल है। पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जब मंत्रियों के नाम की सूची पढ़े तो कोरबा के भाजपा समर्थकों की बांछे खिल गई।

कभी-कभी कुछ मांगने से बेहतर नहीं मांगना होता है। मंत्री बन चुके लखनलाल देवांगन के लिए यह बात सच भी साबित हुई है। भाजपा के विधानसभा चुनाव में जीत से लेकर मुख्यमंत्री का चयन, मंत्री मंडल में सदस्यों का नाम, सब कुछ कयासों के उलट रहा है। लखनलाल देवांगन को भी शायद यह उम्मीद नहीं थी कि उन्हे भापजा से कोरबा के लिए टिकट मिलेगी। मंत्रीमंडल में उनका नाम शामिल होना किसी आश्यर्च से कम नहीं। मंत्री बना कर आलाकमान ने राजनीति के पंडितों को चौंका दिया है। इसकी वजह अब यह माना जा रहा है कि उन्होने सात बार के विधायक रहे बोधराम को हराने के बाद तीन बार लगात अपराजित विधायक जयसिंह के अभेद कांग्रेसी किला को ढहाया है।

शायद मंत्री बनाकर इसका इनाम उन्हे दिया गया है। मंत्रियों को लेकर राजनैतिक गलियारे का अवलोकन किया जाए तो अविभाजित मध्यप्रदेश के शासन काल में कोरबा के नेता प्यारे लाल को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके पहले भी वे मंत्री रहे पर इतना बड़ा पद पहली बार क्षेत्र के किसी नेता को मिला। इसी दौर में ननकी राम कंवर को भी दो बार मंत्री बनने का अवसर मिला। फिर छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में आने के बाद मुख्यमंत्री रमनसिंह के कार्यकाल में ननकीराम कंवर को गृहमंत्री का दायित्व दिया गया। कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार में दिग्गज नेता जयसिंह अग्रवाल को मंत्री बनाया गया और वे तीसरे नेता थे, जिन्हे मंत्री पद मिला। अब लखनलाल देवांगन राज्य कैबिनेट में मंत्री बनने वाले जिले के चौथे नेता हो गए हैं।
इससे पहले कभी भी छत्तीसगढ़ में चुनाव के बाद सरकार के गठन को लेकर इतना रहस्य कभी नहीं रहा। पहले मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को लेकर रहस्य बना रहा, और अचानक चौकाने वाले नाम सामने आए। परिणाम आने के 19 दिन बाद मंत्रीमंडल का गठन हो सका है। मंत्रियों के नाम सामने तो आ गए हैं पर किसे कौन सा विभाग मिलेगा। इस रहस्य से अभी भी पर्दा नहीं उठा है। एक बार फिर इंटरनेट मीडिया में कवायदों का दौर चल पड़ा है। मंत्रियों के नाम के आगे मनगढंत विभाग लिखकर सूची वायरल किया जा रहा है।

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