मवेशियों ने रौंदी फसल, आक्रोशित किसानों ने किया प्रदर्शन

कोरबा 25 सितंबर। मवेशियों को अपने दायरे में समेटने के उद्देश्य से संचालित रोका.छेका अभियान की हर तरफ हवा निकल रही है। हाईवे के अलावा अन्य क्षेत्रों में उनकी दखल मौजूद है। इससे अलग हटकर मवेशियों ने छुरीकला में कई किसानों की धान की फसल रौंद डाली। आक्रोशित किसानों ने आज सुबह नगर पंचायत कार्यालय का घेराव कर दिया। मौके पर जमकर नारेबाजी की।

शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छुरीकला में व्यवसाय के साथ-साथ लोगों की जीविका का आधार खेती-बाड़ी है। बड़ी आबादी इसी पर निर्भर है। छुरी जमींदारी के समय से कृषि से लोगों का जुड़ाव बना हुआ है जो अब भी जारी है। छुरीकला और इससे सटी हुई पंचायतों में हजारों हेक्टेयर में किसानों ने खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान को लेकर इस बार खास तैयारी कर रखी है। अनुकूल वर्षा के कारण किसान आश्वस्त थे कि सबकुछ बेहतर होगा। इससे पहले ही मवेशियों की बड़ी संख्या ने यहां कई खेतों में घुसने के साथ फसल को चट किया और पैरों तले रौंद डाला। किसानों को यह जानकारी होने पर उन्होंने माथा पीट लिया। मालूम चला कि 10.20 खेत नहीं बल्कि बहुत सारे इलाके मवेशियों के अनियंत्रण के कारण प्रभावित हुए हैं। किसानों ने इस घटनाक्रम से नाराजगी जताते हुए नगर पंचायत कार्यालय का घेराव कर दिया। वे फसल को हुए नुकसान की भरपाई और प्रमुख कारण का हर हाल में समाधान करने की मांग करते रहे। किसानों के द्वारा नगरीय क्षेत्र में इस तरह का यह पहला प्रदर्शन है जिसने स्थानीय अमले को परेशानी में डाल दिया।

क्षेत्र के किसानों ने घेराव करने के दौरान रोका-छेका के साथ-साथ सरकार के द्वारा चलाई जा रही गोठान योजना पर भी सवाल खड़े किये। उनका कहना था कि जब रोका-छेका चल रहा है तो मवेशियां सडक़ पर क्यों है और उनकी उपस्थिति किसानों के खेतों में किस तरह हो रही है। जिस उद्देश्य से गोठान चलाए जा रहे हैं उसका औचित्य समझ से परे है। अगर इस तरह से नुकसान होता ही रहा था फिर गोठान को क्यों चलाना चाहिए।

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