फुटपाथ में दुकानदारों का कब्जा: शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ी, पौनी पसारी में पसरी वीरानी
कोरबा 17 मई। शहर में व्यवस्थित आवागमन के लिए जगह-जगह तैयार फुटपाथ में दुकानदारों ने कब्जा जमा रखा है। दुकान लगाने के लिए बनाए गए पौनी पसारी में व्यवसायी बाजार से दूर होने के कारण जाना नहीं चाहते। ऐसे में पैदल चलने वाले राहगीरों को सड़क में भरी ट्रैफिक के बीच आवागमन करना पड़ रहा है।
सड़कों में वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। पैदल चलकर बाजार पहुंचने वालों की सुविधा के लिए शहर के बुधवारी मार्ग में निगम प्रशासन ने साल भर पहले फुटपाथ का निर्माण किया। इसका उपयोग राहगीर नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि यहां लघु व्यवासाइयों ने डेरा जमा लिया है। सुबह होते ही पारंपरिक व्यवासाय से जुड़े कारोबारी अपना दुकान लगाना शुरू कर देते हैं। कुम्हार, बंसोड़ जैसे व्यवसाइयों के लिए पौनी पसारी का निर्माण बुधवारी बाजार के दूसरे छोर में कांप्लेक्स के पीछे किया गया है। 23 लाख की लागत से निर्मित पौनी पसारी का अब तक एक बार भी उपयोग नहीं हुआ। बताना होगा कि फुटपाथ निर्माण के बाद यातायात विभाग कार्रवाई करती है और उस वक्त व्यवसायी वहां से हट जाते हैं। दो-तीन दिन बाद फिर से कब्जा जमा लेते हैं। कमोवेश यह दशा केवल बुधवारी मार्ग में ही नहीं बल्कि घंटाघर और कोसाबाड़ी चौक में भी बनी हुई है। निर्मला स्कूल के सामने बना फुटपाथ सब्जी दुकान संचालकों के कब्जे में है। यहां लगने वाली दैनिक हटरी सड़क पर चल रही है। स्कूल की छुट्टी के दौरान वाहनों का आवागमन थम जाता है। मार्ग को स्थाई रूप से राहगीरों के लिए खाली कराने की पहल यातायात विभाग ने नहीं की है। प्रमुख रूप से इसके लिए नगर निगम प्रशासन जवाबदार है नियमित निगरानी के लिए अतिक्रमण हटाओ दस्ता तैयार किया गया है। यह टीम केवल अवैध कब्जे तोडऩे पहुंचती है। फुटपाथ पर कब्जे पर सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने से न केवल शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ रही बल्कि सुंदरीकरण पर भी ग्रहण लग रहा। व्यवस्था बनाने बनाने के लिए निगम ने करोड़ों रूपये का निर्माण कार्य करा लिया है पर इसे अमली जामा पहनाने में असफल है। विडंबना यह भी है कि व्यस्ततम मार्ग होने के बाद भी बुधवारी मार्ग को भारी वाहनो से निजात नहीं दिलाई जा सकी है। बाजार के निकट रेलवे फाटक हर दो घंटे बंद हो जाती हैं। इससे बाजार मार्ग में भारी वाहनों की कतार लगी रहती है। कोरोना काल के बाद बुधवारी बाजार अब दैनिक हटरी में तब्दील हो चुकी है। यहां दैनिक सामान की खरीदी करने के लिए लोगों का दिन भर आना-जाना लगा रहता हैं। भारी वाहनों के व्यस्त आवागमन के बीच लोगों को यहां जान जोखिम में डाल कर खरीदारी करने आना पड़ता है।
वैवाहिक सीजन होने कारण शहर के सड़क में मई माह के शुरूआत से भीड़ देखी जा रही है। सामानों को खपाने की होड़ में व्यवसाइयों ने फुटपाथ तक सामग्री फैला रखा है। खासकर इलेक्ट्रानिक, बर्तन, होजियरी दुकान संचालकों ने सड़क तक सामान रख देते हैं। ऐसे में पैदल चलने वालों का सड़क पर चलना पड़ रहा। रही सही कसर को वाहन चालकों ने पार्किंग कर पूरी कर दी है। बुधवारी मार्ग में यातायात को दुरूस्त करने के लिए फुटओवर ब्रिज का निर्माण पांच साल पहले किया गया है। 80 लाख की लागत से निर्मित ओवर ब्रिज का उद्देश्य पार्किंग व्यवस्था को दुरूस्त करना है। बाजार में खरीदारी के लिए आने वाले वाहन चालक जैन मंदिर के पीछे वाहन खड़ी कर बाजार जाने के बजाए अब भी सड़क में वाहन खड़ा कर रहे हैं। लाखों खर्च के बाद भी सड़क में पार्किंग की समस्या से मुक्ति नहीं मिली है।