निजी अस्पताल संचालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के फैसले को वापस लिया, नर्सिंग होम में मारपीट करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई से आईएमए सहित डाॅक्टर संतुष्ट

कोरबा 26 अगस्त। निजी नर्सिंग होम, अस्पताल संचालकों ने 26 अगस्त से अनिश्चित कालीन तक अस्पतालों को बंद रखने के फैसले को वापस ले लिया है। जिलें के सभी निजी अस्पतालों मे भी अब रोज ओपीडी सेवाएं निरंतर जारी रहेंगी। कोरबा के निजी नर्सिंग होम में डाॅक्टरों के साथ हुए दुव्र्यवहार के आरोपियों पर प्रशासन की कार्रवाई के बाद आईएमए के सदस्य और अन्य सभी निजी अस्पताल संचालको ने इस फैसले पर सहमति दी है। भारतीय चिकित्सा संघ कोरबा के अध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र साहू के नेतृत्व में आज डाॅक्टरों के दल ने एडीएम श्री संजय अग्रवाल से मुलाकात की और आरोपियों पर कार्रवाई के लिए प्रशासन का आभार व्यक्त किया। डाॅक्टरों के दल ने मारपीट के अन्य आरोपियों पर भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की। एडीएम श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि डाॅक्टरों पर होने वाले दुव्र्यवहार और मारपीट को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डाॅक्टरों पर दुव्र्यवहार करने वालों पर प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान सीएमएचओ डाॅ. बी.बी. बोडे और सीएसपी श्री राहुल देव शर्मा भी मौजूद रहे।
सीएसपी ने डाॅक्टरों के दल को बताया कि नवजीवन अस्पताल के संचालक डाॅ. रोहित बंछोर एवं उनकी धर्मपत्नी से मारपीट करने वाली दोनो आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इस प्रकरण में आरोपियांे के सहयोगियों की तलाश जारी है। तथा जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी। आईएमए के सदस्य डाॅक्टरों ने डाॅक्टर दम्पत्ति पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी पर जिला प्रशासन का आभार जताया और 26 अगस्त से जारी रहने वाली हड़ताल को वापस लेने के फैसले से प्रशासन को अवगत कराया। सीएसपी ने बताया कि आरोपियों पर छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवा एवं सम्पत्ति की क्षति अधिनियम 2010 के प्रावधानों की धारा लगाई गई है। आरोपियों पर भारतीय दण्ड विधान 03 की धारा 249, 323 और 506 के तहत कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त को महिला के प्रसव के दौरान बच्चे की मौत के प्रकरण में कोसाबाड़ी में स्थित नवजीवन नर्सिंग होम संचालक डाॅ. रोहित बंछोर व उनकी पत्नी के साथ विजय और विजेन्द्र जयसवाल ने मारपीट की थी। आरोपियों ने अस्पताल परिसर में हंगामा करते हुए अस्पताल में तोड़-फोड़ भी की थी। इसकी सूचना देते हुए डाॅक्टर दम्पत्ति ने रामपुर पुलिस चैकी में जाकर एफआईआर दर्ज कराया था। आरोपियों पर छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवा एवं चिकित्सा सेवा संस्थान हिंसा तथा संपत्ति की क्षति अधिनियम 2010 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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