स्पेक्ट्रल कोबरा सहित 600 सर्पों को किया रेस्क्यु

कोरबा 22 अगस्त। सर्प का नाम सुनकर ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसे में उनके रिहायशी या व्यवसायिक परिसर में सर्प दिख जाए तो हालत क्या होगी इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है। छत्तीसगढ़ के नाग लोक तपकरा के बाद इस कड़ी में दूसरा नाम कोरबा का शामिल हो गया है जहां बहुतायत में सर्पों की उपस्थिति है। इनमें स्पेक्ट्रल कोबरा से लेकर कई प्रजातियां शामिल है। अकेले अगस्त महीने में ही 600 से ज्यादा सर्पों को रेस्क्यू करने का काम स्नेक रेस्क्यू टीम ने किया है।

जिले के जंगली इलाके में हाथियों का उत्पात जारी है। लोग इतने भयभीत है कि गांव छोडऩे को मजबूर है। वही शहरी इलाके में सांपो के निकलने से लोगो की नींद उड़ी हुई है। शहर में हर दिन बड़ी संख्या में जहरीले सांप निकल रहे है। आय दिन लोगो का सामना सांपो से हो रहा है। कोबरा, करैत, अहिराज जैसे जहरीले सांप के अलावा अजगर और अन्य प्रजाति के सांप बड़ी तादात में निकल रहे है। जिससे लोग डरे हुए हैं। अगस्त माह की शुरुआत से अब तक 600 से ज्यादा सांपो का रेस्क्यू किया जा चुका है। पिछले दिनों नागमंचमी के दिन शहर के स्नैक रेस्क्यू टीम द्वारा सैकड़ों जहरीले सांपो दूर जंगल में छोड़ा गया था। बावजूद इसके बड़ी संख्या में सांपो के निकलने का सिलसिला जारी है। पिछले साल की तुलना में सर्पदंश की घटना में भी इजाफा हुआ है। जिले में स्नैक रेस्क्यू टीम सक्रिय है। टीम के 15 सदस्य दिन रात काम पर लगे है। वर्तमान में हर दिन 40 से 50 सांपो का रेस्क्यू किया जा रहा है। सांपो का रेस्क्यू तो जारी है लेकिन रेंगती मौत का खतरा बरकरार है।

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