मध्यप्रदेश में थमे मालवाहक ट्रकों के पहिये, ये है पांच सूत्रीय मांग

वासुदेव नरियानी
भोपाल 10 अगस्त। रविवार को मध्यरात्रि से मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख वाहनों के पहिये थम गए। ट्रांसपोर्टरों की पांच सूत्रीय मांगों के चलते रविवार की आधी रात से हड़ताल शुरू हुई जो 3 दिन तक चलेगी। 10 से 12 अगस्त (तीन दिन) तक चलने वाली सांकेतिक हड़ताल के दौरान प्रदेश में ट्रक, बस, बड़े, मझोले, छोटे व्यावसायिक वाहन नहीं चलेंगे।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) दिल्ली के आह्वान पर  रोड व गुड्स टैक्स माफी, डीजल पर वैट की कमी सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल के चलते एक-दो दिन में सब्जी, फल समेत अन्य सामग्री आसपास के राज्यों से नहीं आने पर महंगी हो सकती है।
प्रदेश की सीमाओं पर होगा चक्काजाम
प्रदेश की सीमाओं पर ट्रांसपोर्टर्स चक्का जाम करेंगे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की तैयारी थी। सभी पदाध‍िकारियों व सदस्यों की सहमति से फिलहाल राज्यव्यापी हड़ताल की जा रही है। यदि प्रदेश व केंद्र सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो जल्द ही नई रणनीति बनाकर पूरे देश के ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल पर बैठेंगे।
ये हैं पांच सूत्रीय मांगें
1.रोड व गुड्स टैक्स में छह महीने की माफी।
2. परिवहन विभाग की चेक पोस्ट को बंद किया जाए।
3.  डीजल पर वैट काम हो।
4.  चालकों का कोविड बीमा हो।
5. बसों पर माल लदान लाइसेंस का विरोध
बसें पहले से है बंद
प्रदेश में छह महीने के टैक्स माफी को लेकर 35 हजार बसों के पहिए पहले से ही थमे हैं। ट्रांसपोर्टरों ने बसों को भी हड़ताल में शामिल किया है, ताकि हड़ताल सफल हो सके। अभी पूरे देश में हड़ताल नहीं हो सकी, इससे साफ दिखता है कि ट्रांसपोर्टरों में एकजुटता नहीं है
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