राम मंदिर निर्माण में लग रहे पत्थरों का 5000 साल से भी अधिक रहती है उम्र, इन पत्थरों पर पानी पड़ते ही बढ़ जाती है चमक

भरतपुर, राजस्थान 28 जुलाई।पहले भी भरतपुर से काफी मात्रा में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर अयोध्या आ चुके हैं।भरतपुर के रुदावल क्षेत्र के बंशी पहाड़पुर के पत्थरों का इस्तेमाल पहले भी कई प्राचीन इमारतों के निर्माण कार्य में इस्तेमाल हो चुका है। बंशी पहाड़पुर से निकलने वाले पत्थरों की उम्र करीब 5000 वर्ष तक मानी जाती है.

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन होना है। प्रधानमंत्री मोदी खुद इसके लिए अयोध्या पहुंचने वाले हैं। जाहिर है लंबे समय से समाज के एक बड़े वर्ग में राम मंदिर को देखने की लालसा रही है।ऐसे में इस मंदिर को भव्य तो बनाया जाएगा ही, इसके साथ ही मंदिर निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले पत्थर भी बेहद खास होने वाले है। बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर का पत्थर इस्तेमाल किया जाएगा‌ भरतपुर के बंशी पहाड़पुर के पत्थरों के बारे में मान्यता है कि इसकी गुणवत्ता काफी अच्छी होती है. साथ ही यह लंबे समय तक चमकता रहता है.इससे पहले भी भरतपुर से काफी मात्रा में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर अयोध्या ले जाये जा चुके हैं। इन पत्थरों पर पानी पड़ने से ये और ज्यादा निखर जाता है और हजारों वर्षों तक एक रूप में ही कायम रहते है।जानकारी के मुताबिक राम मंदिर निर्माण के लिए 4 घन फुट पत्थर की जरुरत है, जो बंशी पहाड़पुर से मिल रहा है।इस वजह से यहां के लोगों में भी काफी खुशी है। क्योंकि उनके क्षेत्र के पत्थरों से ही अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण होने जा रहा है।

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