ग्रामीण अंचलों में 24 घंटे निर्बाध बिजली का दावा खोखला
0 आंख-मिचौली व अघोषित कटौती से ग्रामीण त्रस्त
0 बिगड़े ट्रांसफार्मर सुधारने या बदलने पर भी विभागीय रवैय्या उदासीन
कोरबा, । ऊर्जाधानी के शहरी क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था अपेक्षाकृत सुधरी है किंतु ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों के रहवासी बिजली की आंख मिचौली, अघोषित कटौती और व्यवधान उत्पन्न होने तथा बिगड़े ट्रांसफार्मर का सुधार और बदलने के प्रति उदासीन रवैय्ये से त्रस्त होने लगे हैं। आलम यह है कि बिजली की समस्या एक-दो दिन या सप्ताह की बात नहीं बल्कि महिने भर का समय बीतने पर भी समाधान नहीं होने से जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल भी उठते हैं जो कहीं न कहीं सरकार की 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की मंशा को पलीता लगाने जैसा है।
कोरबा विकासखंड क्षेत्र के कुदमुरा क्षेत्र में विगत 1 माह से बिजली की आँख-मिचौली से लोग परेशान हैं। जरा सी हवा-पानी में बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है। एक बार गुल होने के बाद बिजली वापस कब बहाल होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं रहती। ग्राम तौलीपाली, बैगामार, धोबनीमार, चचिया, लुदुखेत, धौराभाठा, कछार, तराईमार, जिल्गा, बरपाली, कटकोना, सनीडेरा, बसीन, फुलसरी, सोल्वां आदि गांवों में व्यवस्थित विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यहां अव्यवस्थित ट्रांसफार्मर, तारों का मकड़जाल, पुरानी जगह से कटी-जुड़ी लाइनें जरा सी तेज हवा चलने पर फॉल्ट का कारण बनते हंै। कुदमुरा मुख्यालय में अपर्याप्त स्टाफ भी विद्युत आपूर्ति में बहुत बड़ी बाधा है। विद्युत विभाग ने मात्र एक लाइनमैन रघुनन्दन राठिया के भरोसे दर्जन से अधिक गांवों की कमान सौंपी है, ग्रामीणों का कहना है कि एक और विद्युत कर्मी की तैनाती से फाल्ट को जल्द सुधारा जा सकेगा। क्षेत्र में बिछाए गए विद्युत तार इतने पुराने और कमजोर हो गए हंै कि वह आए दिन टूट जाते है जिसे एकमात्र लाइनमैन को सुधारने में वक्त लगता है। इस अव्यवस्था के विरोध में अनेक बार विद्युत विभाग को अवगत कराया गया है लेकिन समस्या जस की तस है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में बिजली दिन में 2 घंटे और रात में भी 2 घंटे तक मिल रही है, उसमें भी दस मिनट पर ब्रेक डाउन लिया जा रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि विद्युत व्यवस्था सुधारी नहीं गयी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
0 हाथी प्रभावित इलाकों में दहशत
हाथी प्रभावित कुदमुरा क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति कोरबा जिले के सीमांत से लगे हाटी सबस्टेशन से की जाती है जो रायगढ़ जिला में स्थित है। वहां सब स्टेशन में कार्यरत विद्युत कर्मियों की लापरवाही से बार-बार बिजली बन्द कर दी जाती है। बिजली बन्द होने पर फोन पर बात तक नहीं करना चाहते। कुदमुरा क्षेत्र को अलग जिले में होने से एक तरह से उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। यह क्षेत्र हाथी प्रभावित भी है जहां पर हाथियों ने अपना डेरा जमा रखा है, रात में बिजली नहीं रहने से हाथियों का झुंड बस्ती में घुस आता है और अंधेरे के बीच हाथियों की दहशत में ग्रामीण रतजगा करने मजबूर होते हंै।
0 पहाड़ी कोरवा बस्ती में एक साल से समस्या
पहाड़ी कोरवाओं की बस्ती लेमरू पंचायत के आश्रित ग्राम हरिताल में विगत एक वर्ष से बिजली की समस्या मौजूद है, जिसके निराकरण के लिए अनेकों बार बात विद्युत विभाग और प्रशासन तक पहुंचाई गई किंतु समाधान नहीं हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक जिस दिन यहां बिजली पहुंचाई गई, उसके बाद सिर्फ दो दिन बिजली रही और फिर दुबारा बिजली की रौशनी देखने को नहीं मिली। करीब 1 साल से अधिक समय से यहां का ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है जिसे सुधारा और बदला नहीं जा सका है। इसी तरह जिले के सीमांत पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के कोरबी सहित आसपास के लगभग 70 गांवों में मौसम की बेरूखी का कहर बिजली व्यवस्था पर इस कदर टूटता है कि बहाल होने में घंटों लग जाते हैं।