पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा पत्र ,नगर निगम कोरबा के सहायक अभियंता डी.सी.सोनकर को निलंबित करने की मांग
कोरबा ।(editor news action) जिले के रामपुर क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने फर्जी स्टीमेट बनाकर नगर पालिक निगम कोरबा को 49 लाख रूपयों की आर्थिक क्षति पहुंचाने के प्रयास को विफल किये जाने के बाद कोरबा जोन के सहायक अभियंता डी. सी.सोनकर को निलंबित कर उनके द्वारा कराये गये सभी निर्माण कार्यों की जांच
की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की हैं। विधायक एवं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने इस संंबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत प्रेषित की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कुछ दिनों पूर्व नगर निगम कोरबा के आई.ए.एस.आयुक्त राहुल देव द्वारा स्थलनिरीक्षण करने के पश्चात निर्माण कार्य की आवश्यकता न होने पर भी 49 लाख रुपये का प्राकलन प्रस्तुत कर निविदा करने के मामले में नगर निगम केउपअभियंता श्री सुनील तांडे को निलंबित किया गया है, जो कि आयुक्त द्वारा जनहित में लिया गया प्रशंसनीय निर्णय है। बिना आवश्यकता के 49 लाख का प्राकलन तैयार कर निविदा आमंत्रित करना निगम अधिकारियों द्वारा ठेकेदार से मिली भगत कर शासन के खजाने में सेंध लगा, जनता के पैसों का दुरूपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम देने का प्रयास प्रतीत होता है। उक्त निविदा के संबंध में सहायक अभियंता श्री डी.सी.सोनकर को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, परंतु उन पर किसी प्रकार की कार्यवाही आज दिनांक तक नही हुई है। जैसा, ज्ञात है कि निविदा आमंत्रित करने से पूर्व निर्माण कार्य का प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी स्वीकृति ली जाती है। निर्माण कार्य का प्राकलन उपअभियंता द्वारा प्रस्तुत किया जाता है जिसे सहायक अभियंता तथा कार्यपालन अभियंता की अनुशंसा के पश्चात तकनीकी स्वीकृति दी जाती है। रथम दृष्टया यह सहायक अभियंता का कर्तव्य है कि वह उपअभियंता द्वारा प्रस्तुत किए गए प्राकलन की जांच परख करने के पश्चात उसे तकनीकी स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करे, परंतु उपरोक्त संदर्भित निविदा के मामले में यह साफ है कि उच्च अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतते हुए बिना किसी जांच परख केप्राकलन को तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई। निर्माण कार्य के एस्टीमेट मेंभी उप अभियंता के साथ-साथ सहायक अभियंता के हस्ताक्षर मौजूद है। ऐसे मेंसहायक अभियंता पर किसी प्रकार कार्यवाही न होना न्याय संगत नहीं है।
कद्दावर आदिवासी नेता ननकीराम कंवर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेलको अपने पत्र में लिखा है कि इसके पहले भी सहायक अभियंता श्री सोनकरविवादों से घिरे रहे हैं। रिश्वत न मिलने पर बिलों में हस्ताक्षर न करना,फ ाइल को रोकना तथा निर्माण कार्य को गुणवत्ताहीन बता किए हुए कार्य कोध्वस्त कर पुन: कार्य करवाने जैसी घटनाए चर्चा का विषय रही है। निगम में
कार्यरत कई पुराने ठेकेदारों, विशेषकर कोरबा जोन में लंबे समय से कार्यकर रहे ठेकेदार के साथ उनकी सांठगांठ तथा पार्टनरशिप में कार्य कर उन्हेंअनुचित लाभ पहुचाने व बिलिंग करने की खबरें मिलती रही है। अपने चहेतेठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए अन्य ठेकेदारों को नुकसान पहुचाना याअन्य प्रकार से प्रताड़ित कर उन्हें उक्त जोन में कार्य ना लेने के लिएविवश किया जाता रहा है। चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने हेतु एस्टीमे से हटकर मनमाना कार्य कराया जाता है जिसे बाद में स्टिमेटको रिवाइस कराकर भुगतान किया जाता है। नगर निगम अधिकारियों कि यह बेलगाम कार्यशैली बड़े लंबे समय से जारी है जिसके कारण सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए की चपत लग चुकी है। नगर निगम में यह भ्रष्टाचार का खेल आगे भी इसी प्रकार बेरोकटोकजारी रहता परंतु आयुक्त द्वारा औचक निरीक्षण करने पर इनके काले कारनामो का पर्दाफ ाश हो गया। आयुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों पर की गई कार्यवाही एक सराहनीय पहल है तथा इससे जनमानस का प्रशासन पर विश्वास पुन: स्थापित हुआ है। श्री कंवर ने, सहायक अभियंता श्री सोनकर को निलंबित कर कोरबा जोन में उनके अधीन पूर्व व वर्तमान में कराए गए निर्माण कार्यों की जांच तथा वर्तमान प्रकरण में श्री सोनकर द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए शासन वजनता के हितो के विरुद्ध कार्य करने पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग की है। ताकि भविष्य में जनता के पैसों कादुरुपयोग ना हो।