कोरोना आपदा में लूट खसोट कर रहे निजी अस्पताल: भिलाई में दो के खिलाफ सख्त कार्रवाई, कोरबा में डकैती डाल रहे अस्पतालों पर कब होगी ऐसी कड़ाई ?
भिलाई़ 6 अक्टूबर। बार-बार समझाइश और चेतावनी के बावजूद कोरोना संक्रमण काल में मरीजों को लूटने में निजी अस्पताल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस तरह की शिकायत पर सरकार निजी अस्पतालों को निर्धारित शुल्क लेने कहती आ रही है, फिर भी मनमाने तरीके से लूट का सिलसिला जारी है। इसका खामियाजा भिलाई स्थित दो निजी अस्पतालों को भुगतना पड़ा है। हालांकि शासन ने अभी भी जुर्माना कार्रवाई या फिर लायसेंस निरस्तीकरण का फरमान जारी नहीं किया है, लेकिन वसूली गई रकम वापस करने जरूर सख्ती से आदेश दिया है।
पूरा मामला भिलाई के दो निजी अस्पतालों पर की गई नर्सिंग एक्ट के तहत कार्रवाई का है। जहां मित्तल हॉस्पिटल को 92 हजार रुपए मरीज को वापस करने होंगे। वहीं बीएसआर हाईटैक हॉस्पिटल को 5 लाख 10 हजार रुपए मरीज को वापस करने होंगे। दोनों अस्पतालों पर आरोप है कि सरकार की ओर से जारी दर से अधिक राशि की वसूली मरीजों से गई थी।
शिकायत सही पाए जाने पर सरकार की ओर से यह कार्रवाई की गई है। आपको बता दें कोरोना काल में कई निजी अस्पतालों में मरीजों से ज्यादा पैसे वसूली की शिकायतें मिल रही थी। लगातार शिकायत मिलने पर सरकार ने इसे गंभीरता से लिया। जांच टीम गठित कर निजी अस्पताल पर प्रशासन की टीम अब कार्रवाई कर रही है।
इधर कोरबा में भी इसी तर्ज पर कुछ निजी अस्पताल मरीजों की जेब में डकैती डाल रहे हैं। होटल किराये पर लेकर कथित कोविड 19 अस्पताल चला रहे हैं। यहां सुविधाएं तो कम है लेकिन लूट खसोट ज्यादा है। जिला प्रशासन भी इन पर खासा मेहरबान है। राज्य शासन ने जो शुल्क निर्धारित किया है, उसकी सुविधाएं भी अस्पष्ट है। लगता है उच्च स्तर पर सांठ गांठ कर दर निर्धारित किया गया है। डायरेक्टर हेल्थ आई ए एस बंसोर अनजान नम्बर का फोन उठाना गंवार नहीं करते। इस संकट काल में उनका यह आचरण कर्तब्यहीनता की पराकाष्ठा कहा जाए तो कम नहीं है। चन्द अधिकारियों का ऐसा आचरण शासन की छवि धूमिल कर रहा है।