राजधानी में गिरफ्तार ड्रग पैडलर की मोबाइल से खुल रहे अनेक राज, रसूखदारों के चेहरे होंगे बेनकाब?
रायपुर 4 अक्टूबर। राजधानी में एक कॉलेज के सामने 5 दिन पहले पकड़े गए ड्रग पैडलर के मोबाइल और वाट्सएप चैट से बड़े खुलासे हो रहे हैं जिसे लेकर पुलिस भी हैरान है। यहां पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल से जो नम्बर मिले हैं, उस पर पुलिस जांच कर रही है।
इसी कड़ी में पुलिस की नोटिस के बाद दो ड्रग्स के खरीदार थाने पहुंचे। पुलिस ने उनसे करीब एक घंटे पूछताछ की, तब उन्होंने कई राज उगले। उनसे मिले क्लू की पुलिस पड़ताल शुरु कर दी गई है। ड्रग्स के दोनों खरीदार युवक शहर के संभ्रांत परिवार के हैं। पुलिस का नोटिस घर पहुंचने पर परिजनों को उनकी नशे की लत का पता चला। एक ग्राम पावडर को आरोपी 8 से 10 हजार में बेचते हैं। नशे की लत में फंसे युवक मोटी रकम देकर ड्रग खरीदते हैं।
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि शहर में नशे का कारोबार बंद करने लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की अलग-अलग टीमें ड्रग्स से लेकर गांजा और नशीली दवाइयों के तस्करों को पकड़ने में जुटी है। नशे की जद में युवाओं के अलावा नाबालिग भी आ गए हैं। नशे के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
विकास के मोबाइल की जांच के दौरान कुछ राजनीतिक पार्टी से जुड़े रसूखदारों के करीबी रिश्तेदारों का नंबर मिला है। इतना ही नहीं शहर के अलावा राज्य के चर्चित कारोबारी और संभ्रांत परिवार के सदस्यों के भी नंबर मिले हैं। ये भी पता चल रहा है शहर के कुछ बड़े यूनिवर्सिटी के छात्र भी पैडलर से ड्रग्स खरीदते थे। मामला फूटने के बाद से अधिकांश का मोबाइल बंद हैं। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि ड्रग्स खरीदने वालों में महिलाएं और युवतियां भी शामिल हैं। चर्चा है कि ड्रग्स का रैकेट फूटने के बाद से पुलिस के ऊपर भी कई ओर से दबाव आ रहे हैं।
पुलिस के अनुसार देश में ड्रग्स का बड़ा कारोबार नाइजीरियन करते हैं। विदेश से ड्रग्स लाकर वे यहां महंगे दाम में बेचते हैं। नाइजीरियन गिरोह मुंबई-दिल्ली के अलावा गोवा, कोलकाता और नागपुर में ज्यादा सक्रिय है। अब यह गिरोह छोटे शहरों में नशे का धंधा बढ़ा रहा है। वे ज्यादातर अच्छे स्कूल-कॉलेज के छात्रों से संपर्क करते हैं।