भीमा मंडावी हत्या कांड में 33 आरोपियों के खिलाफ दाखिल किया गया आरोप पत्र
रायपुर 2 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायक भीमा मंडावी की 2019 में हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कई धाराओं के साथ 33 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।एनआईए ने आई पी सी, यू ए पी ए, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की कई धाराओं के तहत 33 आरोपियों के खिलाफ भीमा मंडावी हत्या मामले में आरोप पत्र दायर किया है। इन आरोपियों में से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 22 फरार हैं और 5 की मौत हो गई है। एन आई ए द्वारा चार्जशीट दायर करने बाद कहा गया कि फिलहाल हमारी आगे की जांच जारी है।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुई भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को एनआइए की स्पेशल कोर्ट (जगदलपुर) के सामने पेश किया गया था।गिरफ्तार मुख्य आरोपी हरिपाल सिंह चौहान को एनआइए द्वारा जगदलपुर में विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जिसके बाद उसे तीन दिन के लिए एनआइए की रिमांड पर भेज दिया गया।
इस मामले में तीन आरोपी लक्ष्मण जयसवाल, रमेश कुमार कश्यप और कुमारी लिंग ताती को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि नकुलनार में एक किराने की दुकान चलाने वाले लक्ष्मण जायसवाल ने सीपीआई (माओवादी) कैडरों द्वारा किए गए IED विस्फोट के लिए बिजली के तार, विस्फोटक पदार्थ और अन्य सामान मुहैया कराया था। वहीं, अन्य आरोपी काकड़ी गांव के पूर्व-सरपंच रमेश कुमार कश्यप और कुमारी लिंग ताती पर घटना की प्लानिंग का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि 9 अप्रैल, 2019 को भाजपा विधायक मंडावी की हत्या कर दी गई थी। एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, ‘विधायक की गाड़ी पर IED ब्लास्ट किया गया था और दंतेवाड़ा जिले के श्यामगिरी गांव के पास CPI (माओवादी) कैडरों द्वारा गाड़ी पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। इसके परिणामस्वरूप जिले के तत्कालीन भाजपा विधायक भीमा मंडावी और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके अलावा शहीद पुलिस कर्मियों के हथियार भी सीपीआई (माओवादी) कैडरों द्वारा लूट लिए गए थे।’मामले की जांच को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव भी सामने आया था। जहां राज्य सरकार ने इसके लिए स्थानीय स्तर पर एसआइटी टीम का गठन किया था, वहीं 17 मई, 2019 को केंद्र की तरफ से एनआइए जांच कराने की घोषणा की गई थी। इसके बाद राज्य सरकार एनआइए जांच के खिलाफ कोर्ट पहुंची थी। हालांकि इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार की एसआइटी टीम को खारिज कर दिया था।