शिक्षा सामाजिक परिवर्तन की धुरी है : केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बच्चों को शिक्षा हासिल कर बेहतर नागरिक बनने दी सीख
बिलासपुर में जिला स्तरीय प्रवेशोत्सव, न्योता भोज से बच्चों के खिले चेहरे
एक पेड़ मां के नाम अभियान अंतर्गत रोपे पौधे
छात्राओं को मिली निःशुल्क साईकिल
बिलासपुर 6 जुलाई 2024। आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री तोखन साहू आज बिलासपुर स्थित बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दयालबंद में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने की। इस अवसर पर नवप्रवेशी बच्चों को माला पहनाकर, तिलक लगाकर गणवेश और पाठ्यपुस्तक का वितरण किया।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया हैै। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को गणवेश और पाठ्यपुस्तक का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्य के प्रति जागरूक होता है और बेहतर नागरिक बन पाता है।
उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने कहा कि शिक्षा, सामाजिक परिवर्तन की धुरी है। सामाजिक बदलाव और तरक्की के लिए शिक्षा जरूरी है। हम सब चाहते हैं कि आगे बढ़े और हमारा समाज भी आगे बढ़े। यह शिक्षा के जरिए ही संभव है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद बच्चों को बच्चों को पूरे मनोयोग से शिक्षा हासिल करने और देश का योग्य नागरिक बनने का आह्वान किया। उन्होंने सभी बच्चों को शाला प्रवेशोत्सव पर शुभकामनाएं दी और बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करने कहा।
श्री साव ने कहा कि शासन की मंशा है कि सभी विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर बेहतर नागरिक और राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें। हम सबको मिलकर प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दिलाने मंे अपना अमूल्य योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा हासिल कर हम सबके बच्चे इतने काबिल और होनहार बनें, कि छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करें।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, श्री रामदेव कुमावत, कलेक्टर श्री अवनीश शरण, एसपी श्री रजनेश सिंह, नगर निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार, सीईओ जिला पंचायत श्री आरपी चौहान एवं बाल अतिथि के रूप में नन्हीं सुमन बैगा और अंशिका लालवानी मौजूद थे। प्रवेशोत्सव के इस रोचक कार्यक्रम में बच्चों की खुशी देखते ही बनती थी।
न्योता भोज कार्यक्रम
शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर बच्चों के लिए न्योता भोज कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। समग्र शिक्षा की डीएमसी श्रीमती अनुपमा राजवाड़े ने अपनी शादी की 25वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में बच्चों को न्योता भोज दिया। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव सहित मौजूद अतिथियों ने बच्चों को अपने हाथों से भोजन परोसा। अतिथियों ने भी बच्चों के साथ पंगत में बैठकर भोजन किया। भोजन में बच्चों को खीर, पूरी, पुलाव, मिठाई और फल परोसा गया। पसंदीदा भोजन और चॉकलेट मिलने से बच्चों के चेहरे खिल उठे।
छात्राओं को मिली सायकिल
शाला प्रवेशोत्सव छात्राओं के लिए खुशियों भरा रहा। अतिथियों ने नवमीं कक्षा में प्रवेशित 21 छात्राओं को निःशुल्क सायकिलें प्रदान की। केन्द्रीय राज्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री ने छात्राओं को अच्छे से पढ़ाई कर अपने माता-पिता और जिले सहित पूरे प्रदेश का नाम रोशन करने की बात कहते हुए उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। सायकिल मिलने पर छात्राओं के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। उन्होेंने कहा कि अब उन्हें अपने स्कूल तक आने जाने में सहूलियत होगी और वे जल्दी स्कूल पहुंच सकेंगी।
एक पेड़ मां के नाम अभियान अंतर्गत पौधरोपण
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने एक पेड़ मां के नाम अभियान अंतर्गत मां केे सम्मान में क्रमशः नीम और कटहल का पौधा रोपा। उन्होंने सभी लोगों से इस अभियान में सहभागी बनने की अपील की।
मिशन 90 ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ
कार्यक्रम में अतिथियों ने जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए गए मिशन 90 पोर्टल का शुभारंभ किया। वर्ष 2024-25 में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए यह पोर्टल तैयार किया गया है। इसके जरिए स्कूली बच्चों की प्रगति की प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी। स्कूलों की लाइव जीआईएस निगरानी होगी। जिले के सभी स्कूलों और बच्चों का डेटाबेस तैयार किया गया है। सभी के लिए अलग-अलग लॉगिन आईडी तैयार की गई।
कार्यक्रम में श्रीकांत सहारे, श्री राजेश सिंह, श्री छेदी लाल कश्यप, पूर्व महापौर श्री किशोर राय, श्री राजेश सिंह, शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक श्री आरपी आदित्य, जिला शिक्षा अधिकारी श्री टीआर साहू सहित अधिकारी-कर्मचारी, बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और शिक्षक मौजूद थे।