बालको चिमनी हादसे की फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई
कोरबा 24 नवम्बर। बहुचर्चित बालको चिमनी दुर्घटना मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एक नया मोड़ आ गया है। अब पीडितों को न्याय मिलने की आशा जगी है।
ज्ञात रहे बालको में 14 साल पहले हुए चिमनी दुर्घटना में कोरबा एडीजे कोर्ट द्वारा सेपको कंपनी के तीन चीनी अधिकारियों द्वारा आरोप तय करने के विरुद्ध हाईकोर्ट में प्रस्तुत क्रिमिनल रिवीजन को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 15 सितंबर को निरस्त कर दिया था। सेपको के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध जिला न्यायालय में प्रकरण चलाने का आदेश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने दिया था। धारा 304 और 201 के तहत न्यायालय ने आरोप निर्धारित किए हैं, जिसमें आरोपियों पर जानबूझकर जान जोखिम वाले काम करने और साक्ष्य छिपाने के आरोप तय किए गए हैं। इस प्रकरण में 02 दिसंबर को प्रथम साक्ष्य कथन पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन इंजीनियर एस.आर. चन्द्राकर का होगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस प्रकरण की सुनवाई होगी, जिसमें शासन की ओर से रामकुमार मौर्य पक्ष रखेंगे। 23 सितंबर 2009 को बालको में पावर प्लांट की निर्माणाधीन चिमनी धराशायी हो गया था जिसमें 40 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी इस घटना से बालको प्रबंधन के साथ-साथ जिला प्रशासन में हडकंप मच गया था।