उच्च न्यायालय ने बिलासपुर एयरपोर्ट के उन्नयन पर धीमी कार्य प्रगति पर राज्य एवं केंद्र सरकार पर जताई नाराज़गी
बिलासपुर एयरपोर्ट पर जनहित याचिका के मामले पर उच्च न्यायालय में गत गुरुवार को हुई सुनवाई
बिलासपुर। उच्च न्यायालय में बीते गुरुवार को न्यायाधीश गौतम भादुड़ी एवं न्यायाधीश संजय अग्रवाल की खंडपीठ में बिलासपुर में सर्वसुविधायुक्त एयरपोर्ट की जरूरत के मामले पर सुनवाई हुई जिसमें सरकार की ओर से कहा गया कि बिलासादाई केंवट एयरपोर्ट, चकरभाठा के कार्य प्रगति पर हैं लेकिन पिछली सुनवाई २८/०७/२०२३ के पश्चात कार्य पर वर्तमान में क्या प्रगति है इसके लिए दो हफ़्ते का समय चाहते है ।
विदित हो कि पिछली सुनवाई पर यह बताया गया था कि टर्मिनल भवन के विस्तार के लिए फ्लोरिंग, सीलिंग, नए बाथरूम, टिकट काउंटर, मेडिकल कक्ष और एप्रोच रोड के कार्य ९०%~८५% पूरे हो चुके हैं और वर्तमान में संचालित टर्मिनल भवन की कुछ दीवारों और ग्लास पार्टिशन को हटाने का काम चल रहा है। सरकार की ओर से कहा गया कि इससे संबंधित सारे सिविल कार्य 31 जुलाई तक पूर्ण हो जायेंगे, लेकिन वह कार्य प्रगति पर कुछ भी बताने पर असमर्थ थी।
पिछली सुनवाई पर 3 C – VFR से 3 C – IFR श्रेणी के उन्नयन के लिए 85% कार्य हो चुका है लेकिन नाईट लैंडिंग के कार्य के हेतु 35 साइड के विस्तार के लिए पक्की बाउंड्री वॉल बनाने की प्रशासकीय स्वीकृति अभी नहीं मिली है, इसके लिए राज्य शासन के डायरेक्टर एविएशन को पत्र लिखा गया है। इससे संबंधित सिविल कार्य 31 अगस्त 2023 तक पूर्ण हो जायेंगे यह जानकारी दिया था लेकिन उस पर भी आगे क्या प्रगति है वह बताने के लिये समय माँगा ।
वहीं दस मीटर चौड़ी एयरपोर्ट लिंक रोड के बारे में जानकारी दी गई, बताया गया कि इस रास्ते में पड़ने वाले बाधाओं को दूर किया जा रहा है सरकार की ओर से कहा गया कि वर्षा ऋतु के कारण BT का काम अभी नहीं हो सकता लेकिन इस लिंक रोड का काम 31 अक्टूबर 23 तक पूरा हो जायेगा।
भारत सरकार के वकील यह बताने में असमर्थ थे की राज्य सरकार के द्वारा ज़मीन हस्तांतरण बदले ९३ करोड़ भारत सरकार को स्थानातंरण कर दिये गये है उसके पश्चात कब तक ज़मीन हस्तांतरण की कार्यवाही हो पाएगी ।
नाईट लैंडिंग पर राज्य सरकार ने बताया की सिविल वर्क पूरा हो चुका है इलेक्ट्रिकल वर्क जारी है बाउंड्री वाल का वर्क भी जारी है ज़रूरी इलेक्ट्रिकल समान तुर्की देश से मंगाया जा चुका है एवं कार्य प्रगति पर जल्द ही पूर्ण हो जायेगा एवं कार्य प्रगति पर सरकार रिपोर्ट पेश करेगी।
इस पर उच्च न्यायालय ने कार्य की धीमी प्रगति काफ़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए सभी संबंधित राज्य एवं केंद्र सरकार अधिकारियों अलायन्स एयर को उचित कारण बताते हुए दो सप्ताह में अपना एफिडेविट पेश करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई ७ सितंबर 23 को होगी जिसमें उच्च न्यायालय ने सभी विभागों को अपने कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया हैं।
याचिकाकर्ता के तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव एवं अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बहस किया।