केंद्र सरकार अडानी मामले में लोगों को भ्रमित कर साजिश के तहत फंसा रही राहुल गांधी को: नवींन सिंह
कोरबा 06 अप्रैल। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के आह्वाहन पर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा कटघोरा विश्राम गृह में प्रेस वार्ता की गई। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य श्रम कल्याण आयोग के सदस्य नवीन सिंह, कोरबा शहर कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल, कटघोरा शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजीव लखनपाल, मदरसा बोर्ड के सदस्य डॉ शेख इश्तियाक, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष अशरफ मेमन, रामनारायण कश्यप, अमन हसन, अशोक दुबे, चंदन बघेल, युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव आकाश शर्मा, संदीप मित्तल सांसद प्रतिनिधि, राम नारायण रजक, अरविंद गुप्ता उपस्थित रहे। कोरबा शहर कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल प्रेस वार्ता में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को गुजरात के न्यायालय द्वारा सजा सुनाए जाने के विरोध में तथा कांग्रेस नेताओं के यहां केंद्र की मोदी सरकार के इशारे पर किये जा ईडी की कार्यवाही पर केंद्र के मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस शासित राज्यों को निशाना बना रही है।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य श्रम कल्याण आयोग के सदस्य नवींन सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार अडानी मामले में लोगों को भ्रमित करने के लिए साजिश के तहत राहुल गांधी को फंसा रही है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की पदयात्रा से केंद्र की सरकार डर गई है, राहुल गांधी के खिलाफ साजिश के तहत केंद्र सरकार कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश के प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चार बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते हैं, तो उनको बोलने नहीं दिया जाता उनका माइक बंद कर दिया जाता है। सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुए संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते हैं। केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुए अनर्गल बयानबाजी करते हैं और जब इन सब से भी राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते तो एक और षड्यंत्र रचा जाता है।
अडानी से ध्यान भटकाने राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही की गई-राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की दुखती रग पर हाथ रख दिया। उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटाले बाजी और अडानी.मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया। उन्होंने 2 सवाल पूछे थे पहला क्या अडानी की सेल कंपनियों में 20 हज़ार करोड या 3 बिलीयन डॉलर है?अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वह इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया किसका काला धन है? यह किसकी सेल कंपनियां है? यह कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं कोई क्यों नहीं जानता? यह किसका पैसा है? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है को यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है? यह चीनी नागरिक कौन है?
दूसरा सवाल प्रधानमंत्री मोदी जी का अडानी से क्या रिश्ता है? उन्होंने अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई, उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में हवाई अड्डे के बारे में श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक भारत के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और अडानी की तस्वीरें जिन्होंने कथित तौर पर ़1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था के बारे में दस्तावेज दिए। यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था। मोदी सरकार ने सवाल का जवाब तो नहीं दिया उल्टे राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खडग़े के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया क्यों?
संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है। राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोकसभा अध्यक्ष को राहुल जी ने दो लिखित अनुरोध किए कि उनको संसद में जवाब देने देंए इसके बाद तीसरी बार अध्यक्ष जी से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोध के बावजूद अध्यक्ष जी ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इंकार कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते की अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो।
बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद तीन हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है-रामपुर पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर ने कहा कि सबसे पहले उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने विदेशी ताकतों से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। यह एक सफेद झूठ है अगर कोई उनके वक्तव्य को ध्यान से देखें तो उन्होंने कहा कि यह भारत का अंदरूनी मामला है हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है। दूसरा भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में 4 हज़ार किलोमीटर पैदल चल सकता है वह कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है। तीसरा सूरत गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर भाजपा ने श्री गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए बिजली की गति से काम किया। भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है?
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है.-सबसे पहले राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही नाम ;नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी क्यों है उन्होंने ऐसा नहीं कहा कि सारे मोदी चोर हैं। उन्हें किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया दूसरा ना तो नीरव मोदी और ना ही ललित मोदी ओबीसी हैं और उनकी जाति जो भी हो क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं किए भाजपा धोखे बाजो और भगोड़ों को क्यों बचा रही है। तीसरा कांग्रेस पार्टी में दो ओबीसी मुख्यमंत्री हैं इससे साबित होता है कि कांग्रेसी उनके योगदान को महत्व देती हैं। आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम 2 साल की सजा आज तक किसी को नहीं मिली है दूसरी ओर भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकनेए सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था लेकिन उन्हें केवल 1 साल की जेल हुई। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद जी को या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेजों ने सजा दी अंतत: कांग्रेस ने अंग्रेजो के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटाले बाजों का पर्दाफाश करने के लिए राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी, फिर जीतेगी यह प्रहार सिर्फ राहुल गांधी पर नहीं है यह आक्रमण देश के समूचे विपक्ष पर है। देश के 135 करोड़ जनता को धमकाने की साजिश है। राहुल गांधी विपक्ष के सबसे प्रभावशाली नेता हैं जब उनकी सदस्यता रद्द कर सकते हैं, उनकी आवाज दबा सकते हैं तब आम आदमी की क्या बिसात। यह भारत के प्रजातंत्र में तानाशाही की शुरुआत है। कांग्रेसी इससे डरने वाली नहीं है। हम जनता के बीच जाएंगे देश के हर गली मोहल्ले चौक चौराहों को संसद बनाएंगे। कहां-कहां आप हमारी आवाज रोकेंगे।