अग्नि-5 मिसाइल : आखिरकार भारत का सपना हुआ साकार
*अग्नि-5 मिसाइल : आखिरकार सपना हुआ साकार*
नईदिल्ली 16 फरवरी। रक्षा क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए भारत ने अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल अग्नि-5 का दिसम्बर 2022 में सफल परीक्षण किया है और इस परीक्षण से देश की प्रतिरक्षा क्षमता को और मजबूती मिली है। यह मिसाइल पांच हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है और इसका परीक्षण नई तकनीकों और उपकरणों के साथ किया किया गया है। इस परीक्षण में डमी वॉर-हेड का प्रयोग किया गया है और यह मिसाइल पहले से काफी हल्की है। अग्नि-5 मिसाइल में यह परीक्षण ओडिसा के समुद्र में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया।
*मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर*
यह मिसाइल अग्नि-5 थ्री-फेज सॉलिड फ्यूल इंजन (three-stage solid fuelled engine) वाली परमाणु सक्षम मिसाइल है। अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर है इसके साथ ही अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई सारे हथियार ले जाने में पूरी तरह से सक्षम है इसके अलावा मिसाइल नाइट में भी मार करने में पूरी तरह से सक्षम है। यह मिसाइल टारगेट को सेट करके उसे तबाह कर सकती है। डीआरडीओ ने बताया कि यह मिसाइल लगभग 17 मीटर लंबी और 2 मीटर चौड़ी है। इस मिसाइल का प्रयोग करना बेहद आसान है, इस मिसाइल को जल, थल, और नभ, में कहीं से भी दागा जा सकता है और मौसम की परिस्थितियों का भी इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
*बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाला भारत बना आठवां देश*
अग्नि 5 के बाद भारत की गिनती उन 8 देशों में हो गई है, जिनके पास इंटेरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानि आईसीबीएम है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस, इजरायल, और उत्तर कोरिया के बाद भारत अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाला आठवां देश बन गया है।
*मल्टीपल इंडिपेंडेंट रिएंट्री व्हीकल (एएमआरवी) से लैस*
अग्नि 5 मिसाईल 1.5 टन तक न्यूक्लियर वॉरहेड ढोने में सक्षम और यह मल्टीपल इंडिपेंडेंट रिएंट्री व्हीकल (एएमआरवी) से पूरी तरह लैस है। अग्नि 5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का प्रयोग किया गया है। और सबसे खास बात यह कि इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
*योजना पर पहले से काम*
अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की योजना भारत बहुत लंबे समय से बना रहा था, यह मिसाइल भारत से विकसित मध्यम और लंबी दूरी की परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों की श्रृंखला में पांचवीं मिसाइल है। मिसाइल का पहली बार परीक्षण साल 2012 में किया गया था, इसके बाद के परीक्षण साल 2013, साल 2015, साल 2016, साल 2018 और साल 2021 में किया गया था।
*अग्नि मिसाइलों की रेंज:*
अग्नि I: 700-800 किमी की रेंज।
अग्नि II: 2000 किमी से अधिक की रेंज
अग्नि III: 2,500 किमी से अधिक की रेंज
अग्नि IV: 3,500 किमी से अधिक की रेंज है और रोड-मोबाइल लॉन्चर से फायर कर सकती है।
अग्नि-V: अग्नि श्रृंखला की सबसे लंबी, एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) जिसकी रेंज 5,000 किमी से अधिक है।
अग्नि-पी (प्राइम): यह एक कैनिस्टर मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किमी के बीच है। यह अग्नि I मिसाइल की जगह लेगा।
बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण देश के लिए सामरिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण हैं ही सेना एवं जनता का मनोबल मजबूत करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण से देश को बाह्य आक्रमणों सुरक्षा मिलेगी इसके साथ ही भारत की सैन्य ताकत में भी यकीनन इजाफा होगा। भारत ने अब तक जो भी परीक्षण किए है वह अपनी सुरक्षा और आवश्यकता को ध्यान में रखकर किए है और उसकी नीति किसी भी देश पर पहले अस्त्र प्रयोग करने की नहीं रही है।
जाहिर है रक्षा के क्षेत्र में अग्नि-5 मिसाइल का लक्ष्य भारत की विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता को और मज़बूत करना है साथ ही देश को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाना है और इसके लिए भारत निरंतर रूप से उन्नत प्रौद्योगिकी पर काम कर रहा है।