भाजपा के घोटालेबाज देवेन्द्र पांडेय सहित 10 पदाधिकारियों से होगी 40 करोड़ की रिकव्हरी
कांग्रेस पर हमलावर डॉ रमनसिंह पर पलटवार कर सकती है कांग्रेस
बिलासपुर 17 अक्टूबर। ऐसे समय में जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह राज्य की कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चौतरफा घेरने का प्रयास कर रहे हैं तब भारतीय जनता पार्टी के एक तथाकथित नेता घोटालों को लेकर चर्चा में आ गए। कथित भाजपा नेता देवेन्द्र पांडेय सहित 10 अन्य लोगों से 40 करोड़ रुपयों की रिकवरी का निर्णय लिया गया है। मामला को ऑपरेटिव बैंक बिलासपुर में हुए घपले का है और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ हमेशा मंच शेयर करने वाले कोरबा के देवेंद्र पांडे की करोड़ों के घपले में मुख्य भूमिका बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में आठ साल पहले 40 करोड़ के घोटाले के मामले में पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र पांडेय सहित 10 पदाधिकारियों के खिलाफ रिकवरी का निर्णय लिया गया है। सहकारी संस्था पंजीयक के आदेश के बाद बैंक प्रबंधन की ओर से सभी तत्कालीन संचालक मंडल को नोटिस जारी किया गया है। फिलहाल मामले में किसी ने पैसा जमा नहीं किया है, लेकिन जांच और ऑडिट रिपोर्ट में जिस तरह की बातें लिखी हैं, उससे यह साफ है कि तब गबन करने की नीयत से सारा खेल रचा गया।
लोक आयोग ने इसी प्रकरण में एक भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक चिट्ठी आगे बढ़ाई है। उन्होंने कलेक्टर ने पूछा है कि तोरवा में जिस जमीन को देवेंद्र पांडेय का बताया जा रहा है, उसमें उनके पिता का नाम क्यों नहीं लिखा गया है? लोक आयोग को जवाब फिलहाल किसी ने नहीं दिया है।
सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा अकलतरा में बिल्डिंग निर्माण के दौरान 1 करोड़ 35 लाख रुपए की आर्थिक अनियमितता उजागर हुई है। सीपत की शाखा में साल 2011 से 2014 के बीच बनी बिल्डिंग में एक करोड़ 80 लाख की अनियमितता सामने आई है। सहकारी संस्था के उप पंजीयक ने जांच रिपोर्ट में पाया कि यहां पदस्थ चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी में राजेंद्र शर्मा, अमित शुक्ला, शशि भूषण सिंह का मूल पद शाखा प्रबंधक का था।
इन्हें गलत तरीके से सीईओ बनाकर बैंक को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। जांच रिपोर्ट में इस पर विशेष टिप्पणी की गई है। इसके अलावा भी अन्य कर्मचारियों का नाम है। मामले में कुर्की की प्रक्रिया बढ़ाई जा रही है, जिसे लेकर ही देवेंद्र पांडेय सहित अन्य पदाधिकारियों की जमीन और अन्य संपत्तियों की तलाश जारी है।
भाजपा के घोटालेबाज नेता देवेन्द्र पांडेय के खिलाफ भाजपा सरकार में कई शिकायतें हुई लेकिन सभी शिकायतों को सिरे से दबा दिया गया। अब डॉक्टर रमनसिंह से कांग्रेस पूछ सकती है कि आपने अपने घोटालेबाज नेता पर कार्रवाई क्यों नहीं की? वैसे अभी जो प्रक्रिया चल रही है यह भी संदिग्ध है। सबसे पहले तो मामले में पुलिस रिपोर्ट होनी चाहिए और आर्थिक अपराधियों को जेल भेज जाना चाहिए। इसके इनकी सम्पति कुर्क की जानी चाहिए। इसके अलावे घोटाले की रकम से जो नामी बेनामी आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया गया है, वह सब भी राजसात किया जाना चाहिए।