दूसरे दिन भी खनिज शाखा में दस्तावेज खंगाल रही ईडी की टीम

कोरबा 14 अक्टूबर। कोरबा जिला गठन के 23 वर्ष के बाद ऐसा पहला मौका है जब प्रवर्तन निदेशालय ईडी की टीम ने कलेक्टर कार्यालय में संचालित खनिज शाखा में दबिश दी। उसकी कार्रवाई आज दूसरे दिन भी जारी है। ईडी के अधिकारी जिला खनिज। न्यास और खनिज शाखा में दस्तावेजों को उलटने पलटने से लेकर तथ्यों को समझने का प्रयास कर रहे हैं। यहां से क्या कुछ चौंकाने वाली जानकारी मिली, इसका खुलासा आने वाले दिनों में ईडी की ओर से किया जाएगा। भारत सरकार के प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की टीम सीआरपीएफ के साथ 1 दिन पहले दोपहर में कलेक्टोरेट पहुंची थी।

खनिज संसाधन और डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड्स की उपयोगिता से संबंधित शिकायत को लेकर इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट की टीम यहां जांच कर रही है। जांच को लेकर माना जा रहा है कि पूर्व में हुई गड़बडिय़ों और मनमानी को लेकर यह सब उठापटक चल रही है। कुछ महीने पहले पूर्व कलेक्टर रानू साहू के कार्यकाल के दौरान हुए कुछ कार्यों से संबंधित मामलों की शिकायत भारत सरकार से हुई थी और इसकी व्यापक चर्चा हुई थी। संभवत सरकार ने इस पर संज्ञान लेने के साथ अगली कार्रवाई के निर्देश दिए। उक्तानुसार मामले की गहराई से जांच करने और सच को बाहर लाने के लिए इंफोर्समेंट की टीम लगाई गई है। मामला काफी गंभीर हो सकता है, इसका पता इस बात से चलता है कि ईडी की टीम गुरुवार से यहां पर है जो आज दूसरे दिन भी माइनिंग एवं इससे संबंधित माइनिंग फंड से जुड़ी फाइलों के पन्ने पलटने में गतिशील है। अब तक कार्रवाई से संबंधित किसी प्रकार का ब्यावरा सार्वजनिक नहीं हुआ है। प्रशासनिक कार्यालय में ईडी की उपस्थिति से अजीब माहौल बना हुआ है। अभी भी मुख्य द्वार केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। लेकिन गुरुवार और आज के वातावरण में काफी अंतर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। जिले में अगली बारी किसकी, अब यह चर्चा इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट्स के द्वारा कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू के रायगढ़ स्थित सरकारी बंगले को सील करने के साथ कोरबा के 3 बड़े कारोबारियों के ठिकाने पर ईडी ने दबिश देने के साथ कई दस्तावेज जप्त कर लिए। जबकि अगले दिवस कलेक्ट्रेट में ईडी की दबिश हुई। इस कार्रवाई ने अब कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। सरकारी कार्यालयों से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में अब इस बात की चर्चा जोर शोर से चल रही है कि अब ईडी के निशाने पर कौन सा डिपार्टमेंट या औद्योगिक समूह हो सकता है।

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