किरण कौशल से संजीव झा तक DMF, CSR और कोयला का हिसाब-किताब खंगाल रहा ED का दल
कोरबा 13 अक्टूबर। कोरबा की पूर्व कलेक्टर किरण कौशल और रानू साहू के कार्यकाल से लेकर हाल ही में कोरवा में पदस्थ कलेक्टर संजीव झा के कार्यकाल तक का डीएमएफ और सीएसआर का रिकॉर्ड ईडी की टीम खंगाल रही है। इस अवधि में करीब 1000 करोड़ रुपयों के आय-व्यय का अनुमान है। इसके अलावे खनिज विभाग से कोयला के डी ओ का हिसाब किताब का रिकार्ड भी जांच के दायरे में होने की चर्चा है।
आपको बता दें कि गुरुवार को ईडी की टीम रायगढ़ के साथ ही कोरबा कलेक्टर के कार्यालय में भी घुस गई। कोरबा कलेक्टर कार्यालय में डीएमएफ शाखा और खनिज विभाग के दफ्तर में ईडी की टीम द्वारा रिकॉर्ड की जांच पड़ताल की जा रही है। सूत्रों के अनुसार जांच के दायरे में कोरबा की पूर्व कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल से लेकर पूर्व कलेक्टर रानू साहू और वर्तमान कलेक्टर संजीव झा के संक्षिप्त कार्यकाल तक का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
नगर में चर्चा है कि पूर्व कोरबा कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में कोविड-19 के बहाने करोड़ों रुपए व्यय किए गए जो संदेह के दायरे में आ गए हैं। किरण कौशल के कार्यकाल में हैं कोयला डिलीवरी से संबंधित नियमों में बदलाव किया गया था और शहर में आम चर्चा है कि कोयला की डिलीवरी के एवज में बड़े पैमाने पर कथित रूप से अनुचित लेनदेन किया गया था। बरहाल सच्चाई जो भी हो लेकिन कोरबा शहर में इस कार्रवाई को लेकर हड़कंप मचा हुआ है और लोगों की जुबान पर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है। लेकिन सच्चाई का पता तो ईडी की ओर से अधिकारिक रूप से जानकारी प्रदान किए जाने पर ही चल सकेगा। फिलहाल तो लोगों की जुबान पर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है।