ओजोन परत के क्षरण के लिए जिम्मेदार कारकों का उपयोग कम करें: कोसरिया
एबीवीटीपीएस में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस
कोरबा 18 सितम्बर। ओजोन परत के संरक्षण के लिए जागरूक बनकर उन कारकों का उपयोग कम करना होगा जिससे क्लोरोफ्लोरो कार्बन उत्सर्जित होते है। उन तत्वों से भी सतर्क रहना होगा, जो ओजोन परत के लिए खतरनाक साबित होते हैं। यह विचार अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस पर मुख्य अभियंता एचएन कोसरिया ने व्यक्त किए। अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र (एबीवीटीपीएस) मड़वा में 16 सिंतबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया गया।
वरिष्ठ मुख्य रसायनज्ञ आरके तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि क्लोरोफ्लोरो कार्बन की सेल्फलाइफ ज्यादा होती है। इनका जीवन काल 50 से 100 वर्ष तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक क्लोरीन परमाणु एक लाख ओजोन परमाणु को तोडऩे में सक्षम है। यही वजह है कि ओजोन की परत पतली होती जा रही है। कार्यक्रम में सहायक प्रबंधक पर्यावरण संजय झा द्वारा पावर पाइंट प्रजेंटेशन के जरिए समताप मंडल से विघटित होती ओजोन परत की समस्या एवं पर्यावरण व मानव जीवन पर उसके दुष्प्रभाव को क्रमवार समझाया गया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2022 की थीम है मांट्रियल प्रोटोकॉल के 35 वर्ष- पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षा के लिए वैश्विक सहयोग है। यह भी बताया कि एयर कंडीशन, रेफ्रिजरेटर, जेट विमानों से निकलने वाली नाइट्रस आक्साइड, हैलन्स, मिथाइल क्लोरोफार्म आदि कारक समताप मंडल में मौजूद ओजोन की परत को नुकसान पहुंचाते हैं।
कार्यक्रम को अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजाबाबू कोसरे, आलोक लकरा, आरजी देवांगन ने भी संबोधित किया। अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस पर नारा एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विजयी प्रतिभागियों एन साहा, संजय वस्त्रकार, लक्ष्मी नारायण साहू, अमित गवेल, ओम प्रकाश केंवट, जितेंद्र कुमार जायसवाल और ओमप्रकाश मिश्रा को मुख्य अभियंता के हाथों पुरस्कृत कियां गया। कार्यक्रम का संचालन अधीक्षण अभियंता टीके नेताम द्वारा किया गया। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता एनके घृतलहरे, सुशील तारेंद्र, एसडी द्विवेदी, एसके जायसवाल, लोचन सिंह, प्रकाशन अधिकारी बसंत शाहजीत समेत अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।