लंबित रोजगार प्रकरण, नुक्कड़ सभा से ग्रामीणों को आंदोलन के लिए कर रहे प्रेरित
कोरबा 27 जून। लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने,महिलाओं को स्वरोजगार, पुनर्वास गांव में बसे भू-विस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने समेत 16 मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू- विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा गेवरा कार्यालय का 30 जून को घेराव किया जाएगा। आंदोलन को सफल बनाने भू-विस्थापित गांव में माइक से प्रचार, पोस्टर लगाने, नुक्कड़ सभा के साथ घर- घर पर्चे बांट रहे हैं।
किसान सभा ने कहा कि गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय पर घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन करने की घोषणा की है। आंदोलन तभी खत्म होगा, जब एसईसीएल प्रबंधन रोजगार, मुआवजा, बसावट के मुद्दे पर उनके पक्ष में निर्णायक फैसला करेगा। भू-विस्थापितों के आंदोलन को माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी समर्थन दिया है। माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि 40 वर्ष पहले कोयला उत्खनन के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद भी किसी सरकार ने और खुद एसईसीएल ने विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली। आज भी हजारों भू.विस्थापित किसान जमीन के बदले रोजगार व बसावट के लिए संघर्ष कर रहे हैं। माकपा इस बर्बादी के खिलाफ भू.विस्थापितों के चल रहे संघर्ष में उनके साथ खड़ी है। किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक आदि ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, बसावट, पुनर्वास गांव में पट्टा, किसानों की जमीन वापसी एवं अन्य समस्याओं को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है और उनके साथ धोखाधड़ी कर रही है। इसलिए किसान सभा और अन्य संगठनों को मिलकर संघर्ष तेज करना होगा, ताकि सरकार और एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके। प्रचार के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़कर पोस्टर चिपकाने के साथ घर. घर पर्चे बांट रही है। प्रचार अभियान में प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक, दीपक साहू, पुरषोत्तम, संजय, अनिल बिंझवार, रेशम, दामोदर, नरेन्द्र, देव कुंवर, मिथलेश, शशि, संतोषी, गणेश कुंवर, रुषा अनीता, ओंकार, सुनील, रघु, हरिहर, जितेंद्र, राधे, मोहन कौशिक, बलराम, पंकज, सुमेंद्र सिंह, शिवपाल, शिवनारायण, रामकुमार शामिल रहे।