सामान्य वर्ग आरक्षण में अन्य वर्ग की दखलंदाजी हो बंद: सिन्हा


कोरबा 27 जून। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने बयान जारी कर कहा कि सरकार द्वारा सभी वर्गों को आरक्षण की पात्रता दी गई है, लेकिन दुर्भाग्य है कि सामान्य वर्ग के आरक्षण में अन्य वर्ग भी शामिल होकर उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं। इसलिए संविधान संशोधन आवश्यक हो गया है।

सिन्हा ने कहा कि शासकीय, गैर शासकीय संस्थानों तथा विधानसभा एवं लोकसभा में भी निर्धारित आरक्षण पद्धति पूरे देश में लागू है लेकिन सामान्य वर्ग के आरक्षण में आरक्षित वर्ग के भी अभ्यार्थी शामिल होकर सामान्य वर्ग को अधिकारों से वंचित कर रहे हैं जो न्याय उचित नहीं है। शासन द्वारा अनुसूचित जातिए अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग को सभी संस्थानों में आरक्षण का प्राविधान है तो फिर सामान्य वर्ग के आरक्षण में घुसपैठ कर सामान्य वर्ग के अधिकारों से वंचित करना सामान्य वर्ग के मौलिक अधिकारों का हनन है। प्रदेश व केंद्र सरकार को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए निर्णय लेने की जरूरत है। विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी आरक्षित सीट में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग को आरक्षण का प्रावधान है लेकिन सामान्य वर्ग के सीट से अनुसूचित जाति व जनजाति द्वारा उम्मीदवार घोषित होना अनुचित है। आरक्षित वर्ग को दोहरा लाभ दिया जा रहा है। सिन्हा ने कहा कि ग्राम पंचायतों, जिला परिषद, अन्य नगरीय निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीट विद्यमान है लेकिन सामान्य वर्ग के सीट में भी आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार चुनाव में प्रत्याशी बन रहा है। इसलिए सामान्य वर्ग की सीट से आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को रोकने का प्राविधान होना चाहिए।

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